दिल्ली

ट्यूशन को लेकर सरकार के फैसले से संचालक सकते में कोचिंग संचालक दिनभर नफा-नुकसान पर गुणा-गणित करते दिखे –

दिल्ली:– 16 साल से कम उम्र तक के बच्चों के लिए कोचिंग क्लास पर बंदिश लगाने के लिए जो नियम बनाये है। उससे कोचिंग चलाने वाले परेशान हो गए है। अभिभावकों का मानना है कि स्कूलों की पढ़ाई के खराब स्तर और बेहतर भविष्य के लिए उनको बच्चों को कोचिंग भेजना पड़ता है। नए नियमों से बच्चों की पढ़ाई खराब हो सकती है। बता दें कि बृहस्पतिवार केंद्र सरकार ने कोचिंग सेंटर के गाइड लाइन जारी की है। इसमें बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने समेत दूसरे कई प्रावधान हैं।

*फैसला अच्छा, लेकिन सुधरे स्कूली शिक्षा*

द स्टडी कोचिंग इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर मणिकांत सिंह बताते हैं कि फैसला सही दिशा में उठाया गया कदम है। छोटे बच्चों पर स्कूल व कोचिंग की पढ़ाई का दबाव नहीं होना चाहिए। लेकिन बुधवार जारी असर की रिपोर्ट पर भी गौर कीजिए। इसके मुताबिक, 18 साल तक के करीब एक चौथाई बच्चे कक्षा दो की पुस्तकें नहीं पढ़ पाते। स्कूल 40 फीसदी तक पाठ्यक्रम पूरा नहीं कर रहे हैं। ऐसे में मजबूरन बच्चाें को कोचिंग का सहारा लेना पड़ता है। जरूरी है कि सरकार स्कूल की शिक्षा व्यवस्था को भी बेहतर करे।

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