दिल्ली

दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत, IMF की रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा –

 

 

दिल्ली:- IMF के अनुमान के मुताबिक, भारत की नॉमिनल जीडीपी 2025 में 4.187 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी, जो जापान के अनुमानित 4.186 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी से थोड़ी ज़्यादा है. यानी एक कड़े मुकाबले में भारत अब जापान से आगे निकल जाएगा.

 

2024 तक था पांचवें नंबर पर: –

2024 तक भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, लेकिन IMF के मुताबिक 2025 में भारत जापान को पछाड़कर चौथे नंबर पर पहुंच जाएगा. सबसे बड़ी बात की भारत का आर्थिक कारवां यहीं नहीं रुकने वाला, रिपोर्ट कहती है कि 2028 तक भारत जर्मनी को भी पीछे छोड़ देगा और तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा.

 

भारत की GDP 2027 में होगी 5 ट्रिलियन डॉलर: –

IMF के मुताबिक, भारत 2027 तक 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बन जाएगा. रिपोर्ट कहती है कि 2028 तक भारत की जीडीपी 5.58 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी, जबकि उस वक्त जर्मनी की जीडीपी 5.25 ट्रिलियन डॉलर रह जाएगी.

 

टॉप 10 इकोनॉमीज़ में भारत का दबदबा: –

2025 की टॉप 10 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की सूची में भारत चौथे स्थान पर रहेगा, जिससे उसका आर्थिक कद और भी मज़बूत होता दिखाई देगा. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका 30.5 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ पहले स्थान पर बना रहेगा, जबकि चीन 19.2 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ दूसरे नंबर पर रहेगा. जर्मनी तीसरे स्थान पर रहेगा जिसकी अनुमानित जीडीपी 4.74 ट्रिलियन डॉलर होगी. इसके बाद चौथे स्थान पर भारत होगा, जिसकी अनुमानित अर्थव्यवस्था 4.18 ट्रिलियन डॉलर बताई गई है. भारत से थोड़ा ही पीछे जापान रहेगा, जिसकी जीडीपी 4.18 ट्रिलियन होगी लेकिन यह भारत से मामूली कम होगी. इसके बाद यूनाइटेड किंगडम (यूके) 3.83 ट्रिलियन के साथ छठे स्थान पर रहेगा. फ्रांस 3.21 ट्रिलियन के साथ सातवें, इटली 2.42 ट्रिलियन के साथ आठवें, कनाडा 2.22 ट्रिलियन के साथ नौवें और ब्राज़ील 2.12 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ दसवें स्थान पर रहेगा.

 

अमेरिका और चीन अभी भी टॉप दो:-

2025 में भी अमेरिका और चीन दुनिया की सबसे बड़ी दो अर्थव्यवस्थाएं बने रहेंगे. IMF का कहना है कि यह स्थिति दशक के अंत तक बनी रहेगी. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि IMF ने भारत की ग्रोथ रेट 2025 के लिए 6.5 फीसदी से घटाकर 6.2 फीसदी कर दी है. इसकी वजह है अमेरिका की टैरिफ नीतियों से पैदा हुआ वैश्विक व्यापार तनाव. हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की ग्रोथ अपेक्षाकृत स्थिर है और इसका बड़ा कारण है ग्रामीण इलाकों में प्राइवेट कंजम्प्शन यानी निजी खर्च में बढ़त.

 

नई वैश्विक आर्थिक व्यवस्था की शुरुआत: –

IMF ने चेताया है कि दुनिया पिछले 80 सालों से जिस आर्थिक सिस्टम पर चल रही थी, वह अब बदल रहा है. एक नई आर्थिक व्यवस्था की शुरुआत हो रही है, और इस बदलाव के बीच भारत की भूमिका आने वाले वर्षों में और अहम हो सकती है. भारत की अर्थव्यवस्था जिस रफ्तार से आगे बढ़ रही है, वो बताता है कि आने वाला दशक भारत का हो सकता है.

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