लखनऊ पुस्तक मेला 2025 में स्त्री विमर्श की गूंज –

लखनऊ:- लखनऊ पुस्तक मेला 2025 में स्त्री विमर्श तथा बैंकबेंचर विद्यार्थियों के मनोभावों पर केंद्रित डॉ. रश्मि श्रीवास्तव की दो कृतियों ( रेशम के रिबन , बैंकबेंचर ) का लोकार्पण।
पुस्तक मेला में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर डॉ. रश्मि श्रीवास्तव, एसोसिएट प्रोफेसर ,बीएड विभाग, महिला विद्यालय डिग्री कॉलेज लखनऊ की दो कृतियों रेशम के रिबन तथा बैंकबेंचर का लोकार्पण मुख्य अतिथि डॉ. सुधाकर अदीब, पूर्व निदेशक, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ ,उत्तर प्रदेश प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त तथा सम्मानित अतिथि डॉ.अमिता दुबे प्रधान संपादक, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध साहित्यकार अलका प्रमोद द्वारा प्रेषित रेशम के रिबन पुस्तक की समीक्षा प्रस्तुत हुई। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर इस पुस्तक की पंक्तियों से पुस्तक मेले के मंच पर स्त्री विमर्श के तमाम संदर्भों की गूंज सुनाई दी ।
डॉ.अमिता दुबे , प्रधान संपादक उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ द्वारा बेकबेंचर पुस्तक की समीक्षा करते हुए पुस्तक को विद्यार्थियों, शिक्षकों वा शिक्षाविदों के लिये बड़ी ही उपयोगी बताया।
मुख्यअतिथि डा. सुधाकर अदीब ने रश्मि श्रीवास्तव की पुस्तकों का सूक्ष्म विश्लेषण करते हुए निष्पक्ष समीक्षा की । दोनों ही कृतियों को साहित्य जगत की अमूल्य निधि बताते हुए उन्होंने कहा की लेखिका ने बड़े ही प्रासंगिक विषयों पर अपनी कलम चलाई है। समाज में हुए आधुनिक बदलावो ने आज की महिलाओं के समक्ष नवीन चुनौती प्रस्तुत की हैं। रेशम के रिबन पुस्तक ने इन चुनौतियों पर खुलकर प्रश्न किया है बेकबेंचर पुस्तक हमारे आज के विद्यार्थियों की मनःस्थिति का बड़ा ही सटीक चित्रण प्रस्तुत करती है। जीत जाने की होड़ से उपजती वेदना, संवेदनहीनता से विद्यार्थी जीवन को परे रखनें के मंतव्य से यह पुस्तक अभिभावकों के लिए भी बड़ी उपयोग बन पड़ी है।
शोध छात्रा सुरभि शर्मा ने बैकबेंचर पुस्तक पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षाविद, शोधार्थी, विद्यार्थी तथा साहित्य प्रेमियों ने भाग लिया।