महिला हिंसा रोकने में पुरुषों की सहभागिता जरूरी
महिला थाना एसआई स्नेहा सिंह ने महिला हेल्पलाइन नंबर और साइबर क्राइम की जानकारी दी

बांदा महिला संस्था वनांगना के तत्वावधान में चल रहे तरंग मेरे सपने मेरी उड़ान कार्यक्रम के तहत अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। इसमें गुफ़्तगू मंच की लड़कियां, संघर्षशील महिलाएं, युवतियां व युवक शामिल हुए।
शनिवार को संस्था कार्यालय परिसर में नगर पालिका अध्यक्ष मालती बासु ने कहा कि महिलाओं के साथ हिंसा किसी भी समाज को कलंकित करती है। इसे रोकने के लिए पुरुसों की सहभागिता बेहद जरूरी है। उन्होंने संस्था द्वारा किशोरियों और महिलाओं के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम में सरकारी मदद दिलाने का आश्वासन दिलाया।
प्रो. डॉ. सबीहा रहमानी ने कहा कि एक दिन हम महिलाओं का ना होकर सब दिन हमारा होना चाहिए। जिला प्रोवेशन अधिकारी मीनू ने कहा कि यह देखकर अच्छा लगा कि लड़के भी इस कार्यक्रम के साथ जुड़े हैं और लड़कियों का सहयोग कर रहें हैं। वन स्टाप सेंटर समन्वयक रमा ने यहां मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी देते हुए कहा कि यह ऐसी जगह है जहां महिलाओं हिंसा पर कार्यवाही की जाती है।
महिला थाना एसआई स्नेहा सिंह ने महिला हेल्पलाइन नंबर और साइबर क्राइम की जानकारी दी।
संस्था डायरेक्टर पुष्पा शर्मा ने सामाजिक क्षेत्र में काम कर रहीं महिलाओं को सम्मानित किया। उनके कार्यों कि सराहना करते हुए महिलाओं के इस दिन पर खुशी ज़ाहिर की।
वरिष्ठ संदर्भ समूह शबीना मुमताज़ ने कार्यक्रम का उदेश्य बताते हुए इस वर्ष कि थीम (कार्यवाही में तेज़ी) पर रोशनी डालते हुए कहा कि महिलाओं के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना है l कहा कि यह महिलाओं का दिन है जो कि लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है।
नेतृत्व समूह मंजू सोनी ने सभी का स्वागत किया।
कार्यकर्ता शोभा देवी व फरजाना ने समुदाय में अभियान के दौरान निकलकर आए मुद्दों जैसे जेंडर, स्वास्थ्य, हिंसा, लीडरशिप पर प्रस्तुतीकरण किया। अभियान के दौरान पुकारी, शंकर बाज़ार, लाहुरेटा, जमवारा, नसेनी, सराय, हुसैनपुर गांवों में आयोजित प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट बच्चों को शील्ड देकर सम्मानित किया गया। नरेन्द्र, आरती, लक्ष्मी, सावित्री, शाहीन, युवराज को प्रथम पुरस्कार मिला। सिरोमन, शिफ़ा, मंजू, विमला, पंकज को दूसरा और अशोक, शिव देवी को तीसरा पुरस्कार दिया गया।
नेतृत्व समूह अवधेश गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया। संचालक रानी देवी ने किया। माया, फरहा, राधेश्याम, शिवशंकर ने व्यवस्था संभाली।