विद्यार्थी परिषद शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों के उन्नयन का कार्य भी करती है – सुरेश खन्ना

लखनऊ:- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप), अवध प्रांत के चार-दिवसीय 64वें प्रांत अधिवेशन की शुरुवात सीतापुर के रस्यौरा स्थित सीतापुर शिक्षण संस्थान में हो गई है। अधिवेशन के प्रथम दिवा पर उद्घाटन सत्र के साथ ही पिछले सत्र की कार्यकारिणी को भंग किया गया। इसके पश्चात चुनाव अधिकारी गोंडा के डॉ.रूप नारायण सिंह ने विद्यांत हिंदू पी.जी कॉलेज की प्रो.नीतू सिंह और पुष्पेंद्र बाजपेई को अभाविप अवध प्रांत के प्रांत अध्यक्ष और प्रांत मंत्री के रूप में पुनर्निर्वाचित किया। प्रांत मंत्री पुष्पेंद्र बाजपेई ने अपने प्रतिवेदन में बताया कि पिछले सत्र में अभाविप अवध प्रांत के कार्यकर्ताओं ने कुल 4 लाख 71 हज़ार 121 सदस्यों को जोड़ा है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अवध प्रांत के इस चार-दिवसीय प्रांत अधिवेशन का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही, प्रांत अध्यक्ष प्रो. नीतू सिंह, प्रांत मंत्री पुष्पेंद्र बाजपेई, स्वागत समिति अध्यक्ष प्रियंका गुप्ता, स्वागत समिति मंत्री नवीन अग्रवाल एवं नगर मंत्री अलखकांत श्रीवास्तव द्वारा किया गया। यह अधिवेशन 29 से 31 दिसंबर तक सीतापुर के रस्यौरा स्थित सीतापुर शिक्षण संस्थान में आयोजित किया जा रहा है। अधिवेशन की शुरुआत 28 दिसंबर को सायं सीतापुर के प्रख्यात चिकित्सक डॉ महेश प्रसाद मेहराय के नाम से आयोजित प्रदर्शनी के उद्घाटन के साथ हुई, जिसे डॉ अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जय प्रकाश पाण्डेय द्वारा किया गया था।
प्रथम सत्र में प्रांत अध्यक्ष प्रो.नीतू सिंह ने प्रस्तावना प्रस्तुत की, और प्रांत मंत्री पुष्पेंद्र बाजपेई ने पिछले सत्र में किए गए कार्यों का विवरण प्रांत मंत्री प्रतिवेदन के माध्यम से दिया। इसके पश्चात चुनाव अधिकारी द्वारा आगामी सत्र के लिए पुनः अवध प्रांत अध्यक्ष और प्रांत मंत्री के रूप में प्रो. नीतू सिंह एवं पुष्पेंद्र बाजपेई का निर्वाचन किया गया।
उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि, उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सभी कार्यकर्ताओं को अधिवेशन के सफल आयोजन की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि, विद्यार्थी परिषद शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों के उन्नयन का कार्य भी करती है, जो इसे अन्य छात्र संगठनों से विशिष्ट बनाता है। मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है और अभाविप के कार्यकर्ता भारत के युवाओं में इस सेवाभाव का बीजारोपण करने का कार्य कर रहे हैं। आज विद्यार्थी परिषद जैसे संगठनों की देन है कि हम पुनः भारतीय संस्कृति पर गर्व करना सीख रहे हैं और इस उन्नत संस्कृति की विशिष्टता से सभी को परिचय कराने का कार्य कर रहे हैं। हमनें 2047 तक जिस विकसित भारत का सपना देखा है निश्चित रूप से उस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु भी अभाविप कार्यकताओं का विशिष्ट योगदान रहेगा।
विशिष्ट अतिथि अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ध्येय यात्रा सतत युवाओं को प्रेरणा देती रही है। युवाओं ने प्राचीन इतिहास से लेकर आज के प्रमुख आंदोलनों में अपना प्रमुख योगदान दिया है और अभाविप के कार्यकर्ताओं ने ऐसी युवाशक्ति को सशक्त बनाने का काम किया है। अभाविप अपनी विशिष्ट कार्यपद्धति के कारण ही 76 वर्षों की लंबी यात्रा सफलतापूर्वक तय कर पाया है, जबकि अन्य छात्र संगठन विशेष परिस्थितियों की उपज हैं, अभाविप एक वैचारिक अधिष्ठान लेकर काम करती है। अभाविप, कार्यकर्ता के व्यक्तित्व निर्माण की नर्सरी है जिससे जुड़कर विद्यार्थी पढ़ाई के साथ राष्ट्र पुनर्निर्माण में भी योगदान देते हैं।