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लखनऊ मेट्रो के लॉस्ट एंड फाउंड सेल ने पेश की अनूठी मिसाल। सीसीटीवी सर्विलांस से गायब पर्स को किया ट्रेस –

 

✍️रवि शर्मा

लखनऊ :-लखनऊ मेट्रो की सतर्क सुरक्षा व्यवस्था और स्टेशन परिसरों एवं ट्रेनों में लगे अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरों की सहायता से यात्रियों का खोया हुआ सामान सही हाथों तक शीघ्रता से लौटाया जा रहा है। लखनऊ मेट्रो ने एक बार फिर महिला यात्री का खोया पर्स जीपीएस- ट्रैकिंग सिस्टम और सीसीटीवी की मदद से उन्हें सुरक्षित वापस लौटाया।

कल महिला यात्री रासिका गुप्ता , 22 वर्ष…का पर्स सीसीएस एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन से आईटी कॉलेज मेट्रो स्टेशन तक यात्रा के दौरान ट्रेन की सीट पर छूट गया। पर्स में 2000 रुपये, चार्जर, पासपोर्ट एवं विदेश जाने संबंधी अन्य जरूरी दस्तावेज मौजूद थे। ट्रेन में महिला के बगल बैठे एक यात्री को पर्स मिला जिसे वो अपने साथ ले गए।

रसिका को जॉब के लिए बैंगलोर से विदेश जाना था। वो लखनऊ में अपने माता पिता से मिलने आई थी, इसी दौरान यह घटना हुई। महिला यात्री ने अपने पर्स में जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस लगा रखी थी जिससे वो लगातार अपना पर्स ट्रैक करने की कोशिश कर रही थी। जीपीएस की मदद से उन्हें पता चला की उनका पर्स बाराबंकी की दिशा में जा रहा है। जिसके बाद इंदिरा नगर मेट्रो स्टेशन जहां से अधिकांश लोग बाराबंकी की तरफ जाते हैं उसका सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया। मेट्रो का हर कोना सीसीटीवी की कवरेज के दायरे में आता है और इसी से ट्रैक करने में सबसे ज्यादा मदद मिली। सीसीटीवी रिकॉर्डिंग से पता चला की जिस यात्री के पास पर्स है वो इंदिरानगर मेट्रो स्टेशन पर ही उतरा है।

पुलिस ने सीसीटीवी से पहचाने चेहरे और जीपीएस से प्राप्त स्थान पर यात्री की तलाश की। यात्री ने पर्स उनके पास सुरक्षित होने की बात कही। यात्री ने पर्स सुरक्षित महिला को सौंप दिया जिसमें उनके पैसे और जरूरी कागज सुरक्षित मिल गए।

आज यानी 22 दिसंबर की सुबह महिला के पिता ने मेट्रो स्टेशन पर फोन कर बताया कि उनकी बेटी का पासपोर्ट और सारे ज़रूरी कागज़ मिल गये हैं और वो बहुत खुश है। उन्होंने स्टेशन कंट्रोलर, सुरक्षा स्टाफ तथा उनकी मदद के लिए आए सभी लोगों के प्रयासों की सराहना करते हुए धन्यवाद दिया।

यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक श्री सुशील कुमार ने कहा कि “मेट्रो सुरक्षा व्यवस्था और सुरक्षा स्टाफ की तत्परता और समर्पण ने एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत किया है और यह मेट्रो प्रणाली की सुरक्षा और सहयोग की भावना को और मजबूत करता है”।

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