स्वास्थ्य विभाग की कवायद नाकाम, बढ़ रही डेंगू की रफ्तार
बांदा। जिले मे डेंगू की रफ्तार थमने का नाम नही ले रही। स्वास्थ्य विभाग की कवायद नाकाम साबित हो रही है। शुक्रवार को जिला चिकित्सालय मे डेंगू के तीन पॉजिटिव मामले पाए गये हैं। बीती जनवरी से अब तक कुल 93 डेंगू के पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। डेंगू के मरीजों की फेहरिस्ट मे प्राइवेट नर्सिंग होम से जो मरीज कानपुर अथवा लखनऊ रेफर किए जाते हैं वह इसमे शामिल नही हैं। सूत्रों का कहना है कि डेंगू के मरीजों की संख्या सरकारी आंकड़़ों से कहीं अधिक हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि निरोधात्मक कार्यवाही की जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी अनिल कुमार श्रीवास्तव कहते हैं कि निरोधात्मक कार्यवाही के अन्तर्गत हाउस इण्डेक्स सर्वे, जल भराव वाले स्थानों पर लार्वा निरोधक दवा का छिडकाव एवं नगर पालिका के सहयोग से फॉगिंग का कार्य तथा डेगू से संक्रमित हेाने से बचाव के लिये लोगों को पम्पलेट्स के माध्यम से स्वास्थ्य शिक्षा दी जाती है। सीएमओ ने बताया कि मुहल्ला सिविल लाइन, जेल रोड, कैलास पुरी, छाबी तालाब, बन्योटा में निरोधात्मक कार्यवाही की गई जिसके तहत टीम ने कुल 470 घरों का निरीक्षण किया। निरीक्षण किये गये घरों में 2718 पात्रों को देखा गया। जिसमें 22 घर व 22 पात्र एडीज मच्छर लार्वा धनात्मक पाये गये सभी धनात्मक पाये गये पात्रों को खाली कराया गया। मच्छर जनित स्थिति पैदा करने के लिए दी गयी नोटिस की संख्या-1 स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जल भराव वाले स्थानों पर लार्वा निरोधक दवा का छिड़काव किया। टीम ने लोगों को डेंगू, मलेरिया एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम, नियंत्रण एवं बचाव के वारे में पम्पलेट्स वितरण कर जानकारी दी। इन स्थानो पर नगर पालिका परिषद को फॉगिंग एवं साफ सफाई का कार्य करने के लिए सूचित किया गया है। बताया कि डेंगू बुखार लक्षण में तेज बुखार जो (104-105 फारेनहाइट) जो कि 5-7 दिन तक रहता है, जोड़ों मे दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना, ऑख की पुतली में दर्द रहना, नॉक, मुॅह एवं पेशाब के साथ खून आना, प्लेट्सलेट का तेजी से कम होना आदि है। दूसरी ओर सत्यता की बात की जाए तो जिला अस्पताल में लंबी लाइन लग रही है। डाक्टर अधिकांश मरीजों को बाहर की दवाएं लिख रहे हैं। फिर भी मरीजों को आराम नहीं मिल रहा है। मरीजों की हालत गंभीर होने पर इन्हे कानपुर एवं लखनऊ रेफर किया जा रहा है।