यूपी के 8.36 लाख अफसरों-कर्मचारियों की कमाई पर योगी सरकार की नजर
डेटा के आधार पर होगी रेंडम जांच
यूपी के 8.36 लाख अफसरों-कर्मचारियों की कमाई पर योगी सरकार की नजर
डेटा के आधार पर होगी रेंडम जांच
लखनऊ: अफसरों और कर्मचारियों की संपत्ति की रैंडम जांच होगी. दिये गये संपत्ति के विवरण की सत्यता जांची जाएगी. अफसरों और कर्मचारियों ने संपत्ति का विवरण दिया है. अब पैन नंबर से लेकर सारी प्रॉपर्टी खंगाली जाएगी. अफसरों, कर्मचारियों का डेटा अब सरकार के पास है. इसी के आधार पर अब संदिग्ध अफसर और कर्मचारियों की पूरी जांच की जाती रहेगी. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस पर सतर्कता से नजर रखने का निर्णय लिया.
उत्तर प्रदेश में मानव संपदा पोर्टल पर 95% राज्य कर्मचारियों ने संपत्ति की जानकारी दे दी है. प्रदेश में अब केवल 40,000 कर्मचारी बचे हैं, जिन्होंने 30 सितंबर की डेडलाइन समाप्त होने के बावजूद अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं दी है. ऐसे कर्मचारियों को अब सितंबर माह का वेतन फिलहाल नहीं दिया जाएगा. फिलहाल यह आंकड़ा अभी कुछ और बढ़ सकता है. अधिकारियों को कहना है कि मंगलवार की शाम तक फाइनल आंकड़ा सामने आया है, उसमें यह संख्या 97% तक पहुंच गई.
योगी सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि अब इन कर्मचारियों और अधिकारियों की रेंडम जांच की शुरुआत की जाएगी. इनके पैन नंबर से उनकी आए और अन्य स्रोतों की जानकारी निकाली जाएगी और दी गई जानकारी से उसका मिलान संभव होगा. ऐसे में कर्मचारियों और अधिकारियों की आय से अधिक संपत्ति की जांच आसान हो जाएगी.
शासन के अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन ने राज्य कर्मचारियों को 30 सितंबर तक का समय दिया था. इसमें वह मानव संपदा पोर्टल पर चल अचल संपत्ति की जानकारी दे सकते थे. अब तक संपत्ति का विवरण न देने वाले कर्मचारियों का वेतन रोक दिया जाएगा. सबसे ज्यादा पुलिस विभाग के कर्मचारियों ने अपना विवरण पोर्टल पर दर्ज किया है. 99.45% पुलिसकर्मियों ने विवरण दर्ज किया है. दूसरे नंबर पर लोक निर्माण विभाग है जहां 98% कर्मचारियों का विवरण सामने आ गया है.चिकित्सा विभाग ने 84%, राजस्व विभाग ने 83%, जल शक्ति ने 94%, कृषि विभाग 99% आयुष विभाग में 95%, पंचायती राज विभाग ने 98%, माध्यमिक शिक्षा ने 93%, पशुधन विभाग ने 98%, उद्योग विभाग में 79%, तकनीकी शिक्षा ने 76%, चिकित्सा विभाग ने 97% और नगर विकास विभाग ने 63% का आंकड़ा पूरा किया है.
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अनुसार उत्तर प्रदेश के जिन भी कर्मचारियों ने अपने चल अचल संपत्ति का विवरण नहीं दिया है. उनको सितंबर माह का वेतन नहीं दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त उनके प्रभारी पर भी कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही भविष्य में यह जांच भी होगी कि उन्होंने अपनी संपत्ति का ब्योरा क्यों नहीं दिया.