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यूपी में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी मुहिम: रिश्वत मांगे जाने पर तत्काल इस नंबर पर 9454401866 शिकायत दर्ज कराए

लखनऊ:-   उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हुए विजिलेंस विभाग ने अपनी सक्रियता को और तेज कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत विजिलेंस ने यह स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार की शिकायत करने से लोगों के काम रुकेंगे नहीं, बल्कि नियमानुसार पूरे होंगे। डीजी विजिलेंस राजीव कृष्णा ने बताया कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा रिश्वत मांगने पर बिना किसी डर के हेल्पलाइन नंबर 9454401866 पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

शिकायत करने से नहीं रुकेगा काम –

सरकारी काम करवाने के लिए अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा रिश्वत मांगी जाती है, तो विजिलेंस विभाग ऐसे भ्रष्ट कर्मियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करेगा। इसके साथ ही, शिकायतकर्ता का काम भी समय पर पूरा किया जाएगा। विभाग का यह स्पष्ट संदेश है कि रिश्वतखोरी की शिकायत करने पर शिकायतकर्ता का काम बाधित नहीं होगा, बल्कि वह तय समय सीमा में पूरा किया जाएगा। इस नीति के तहत आम जनता को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

विजिलेंस की तेज़ कार्रवाई: 36 रिश्वतखोर गिरफ्तार –

पिछले 93 दिनों में विजिलेंस विभाग ने प्रदेश भर में 36 रिश्वतखोर अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में छह गुना अधिक है, जहां केवल पांच लोगों को ही गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार होने वालों में 9 राजपत्रित अधिकारी और 27 गैर-राजपत्रित अधिकारी शामिल हैं। इन अधिकारियों में पशुपालन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग और पीडब्ल्यूडी जैसे विभिन्न विभागों के उच्च पदाधिकारी शामिल हैं।

गिरफ्तार अधिकारियों में प्रमुख नाम: –

1.पशुपालन विभाग के ग्रेड-2 के अपर निदेशक

2- स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ और स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी

3.माध्यमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक

4.पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता

5.चकबंदी अधिकारी

गिरफ्तारी के बाद त्वरित कार्रवाई- 

विजिलेंस केवल गिरफ्तारी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि गिरफ्तार अधिकारियों के खिलाफ त्वरित न्यायिक कार्रवाई भी की जा रही है। बरेली में एसआई राम औतार और हापुड़ में डिप्टी रेंजर शशि शेखर शर्मा के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिए गए हैं। इसके अलावा, 10 अन्य रिश्वतखोरों के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है और 22 अन्य मामलों की विवेचना जारी है।

भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में गिरफ्तारियां –

विजिलेंस ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में अधिकारियों और कर्मचारियों को रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। प्रमुख गिरफ्तारियां इस प्रकार हैं।

16 अगस्त: फिरोजाबाद में अवर अभियंता रामयज्ञ 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार।

17 अगस्त: हापुड़ में लेखपाल विपिन धामा 50 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार।

17 अगस्त: आगरा में शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक राम प्रताप शर्मा 3 लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार।

24 अगस्त: कानपुर में नगर निगम के कनिष्ठ लिपिक राजेश कुमार यादव 10 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़े गए।

2 सितंबर: मीरजापुर में स्वास्थ्य कर्मी कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा 50 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार।

7 सितंबर: हापुड़ में नगर पालिका के अवर अभियंता 2.30 लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार।

9 सितंबर: कानपुर में हेड कांस्टेबल शहनवाज खां 15 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार।

10 सितंबर: कानपुर विकास प्राधिकरण के सहायक लिपिक 10 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार।

 

जनता के मन में भय दूर करना –

डीजी विजिलेंस राजीव कृष्णा ने कहा कि आम जनता में अक्सर यह डर होता है कि रिश्वत की शिकायत करने पर उनका काम नहीं होगा या रुक जाएगा। इस डर को खत्म करने के लिए विजिलेंस विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि रिश्वतखोरी की शिकायत के बाद उस काम को फॉलो किया जाए और पूरा होने तक विभाग उस पर नजर रखे। विजिलेंस विभाग की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश है कि अब रिश्वतखोर अधिकारियों के लिए कोई जगह नहीं है।

विजिलेंस विभाग की इन कार्यवाहियों से उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है, जिससे आम जनता को राहत मिलने की उम्मीद है।

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