
ज्योतिषाचार्य – आनंद शास्त्री ने बताया कि इस 19 अगस्त को रक्षाबंधन, श्रावण पूर्णिमा व्रत, हयग्रीव जयंती और पांचवां सोमवार है। रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण पूर्णिमा या सावन पूर्णिमा के दिन मनाते हैं। शास्त्रों के अनुसार श्रावण पूर्णिमा तिथि को भद्रा रहित शुभ मुहूर्त में रक्षाबंधन मनाना अच्छा होता है। रक्षाबंधन पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। सावन सोमवार के साथ ही सावन पूर्णिमा का व्रत व स्नान और सर्वार्थ सिद्धि, रवि व शोभन योग बन रहे हैं।
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. भारत में राखी के पवित्र पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
इस दिन बहनें भाई की कलाई पर प्रेम और स्नेह का रक्षासूत्र बांधती हैं. साथ ही बहनें अपनी भाइयों की लंबी उम्र की प्रार्थना भी करती हैं और भाई बदले में अपनी प्यारी बहनों को रक्षा का वचन देते हैं. रक्षाबंधन का त्योहार इस बार 19 अगस्त 2024, सोमवार के दिन मनाया जाएगा. जानकारों की मानें तो, रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा. माना जाता है कि भद्रा जैसी अशुभ घड़ी में राखी नहीं बांधनी चाहिए.
इस बार रक्षाबंधन 19 अगस्त को मनाया जाएगा. रक्षाबंधन पर 7 घंटे 39 मिनट तक भद्रा का साया है
रक्षाबंधन पर सोमवार सूर्योदय के समय सुबह 05:30 से दोपहर 01:30 बजे तक भद्रा रहेगी। भद्राकाल में राखी बांधना शास्त्र सम्मत नहीं है।
दोपहर बाद बांधी जाएंगी राखी –
ज्योतिषाचार्य-आनंद शास्त्री ने बताया कि रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:30 से रात 09:08 बजे तक है।इसकी पूरी अवधि 7 घंटे 38 मिनट तक की होगी।
अपराह्न काल रक्षाबंधन के लिए प्रशस्त्र बन गया है। अपराह्न का मुहूर्त 01:30 से शाम 04:03 बजे तक और रक्षाबंधन के लिए प्रदोष काल का मुहूर्त शाम 06:39 से रात 08:52 बजे तक है। रक्षाबंधन में रक्षासूत्र बांधते समय येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामभिबध्नामि रक्षे माचल माचल। मंत्र बोलना शुभकारी होता है।