धनतेरस पर सजा मां अन्नपूर्णा का स्वर्णमयी दरबार, भक्तों पर बरसाया आशीर्वाद और खजाना –
✍️नवीन तिवारी
वाराणसी:- काशी नगरी में स्थित प्राचीन अन्नपूर्णा मंदिर में धनतेरस के शुभ अवसर पर मां अन्नपूर्णा के स्वर्णमयी दरबार का भव्य श्रृंगार किया गया। सुबह भोर से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है, जो माता के दिव्य दर्शन करने के लिए कतारों में खड़े हैं। भक्तजन मां की जय-जयकार करते हुए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
मंदिर के महंत शंकरपुरी के अनुसार, सुबह साढ़े तीन बजे मंदिर का पट खुला और माता अन्नपूर्णा, माता लक्ष्मी, भूमि जी और महादेव की पूजा-अर्चना के बाद खजाने की पूजा की गई। इसके पश्चात महाआरती कर मंदिर को आम भक्तों के दर्शनार्थ खोला गया। भक्तजन यहां से खजाना लेकर जाते हैं, जिसमें सिक्के और लावा शामिल होते हैं। मान्यता है कि इस खजाने को घर में रखने से परिवार में धन-धान्य की वृद्धि होती है और समस्याओं का निवारण होता है।
आज धनतेरस के पावन अवसर पर, श्री काशी विश्वनाथ धाम में माता अन्नपूर्णा विग्रह पर श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद स्वरूप खजाना वितरण की शुभ शुरुआत की गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे,जिन्होंने माता अन्नपूर्णा के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
काशी का यह मंदिर अपनी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है क्योंकि यह भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भक्तों को खजाना बांटा जाता है। देश के विभिन्न राज्यों से भक्तजन यहां पहुंचे हैं, साथ ही विदेशों से भी प्रवासी भारतीय और विदेशी श्रद्धालु माता अन्नपूर्णा के दिव्य दर्शन कर पुण्य लाभ ले रहे हैं।
धनतेरस का पर्व धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से पूजा-अर्चना कर मां लक्ष्मी के स्वागत की तैयारी की जाती है। माता अन्नपूर्णा, जो अन्न और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं, के प्रति श्रद्धा व्यक्त करना इस दिन का विशेष महत्व है।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत श्रद्धालुओं को खजाना वितरण किया गया, जो कि उनके लिए आशीर्वाद का प्रतीक है। आयोजकों ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य श्रद्धालुओं को माता की कृपा का अनुभव कराना और धार्मिक आस्था को प्रोत्साहित करना है।
महंत शंकरपुरी ने बताया कि माता अन्नपूर्णा की स्वर्णमयी प्रतिमा हजारों साल पुरानी है और इसकी एक झलक मात्र से व्यक्ति के जीवन का कल्याण होता है। श्रद्धालुओं के अनुसार, मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद प्राप्त करने से उनके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।