वाराणसी

साइबर अपराधियों का नया हथकंडा, घर में सो रही बेटी के नाम से फोन कर हिरासत में लेने की बात कही, सूझ-बूझ से बचे डॉक्टर-

✍️ नवीन तिवारी

वाराणसी:- लंका थाना क्षेत्र के रश्मि नगर कॉलोनी में रहने वाले डॉक्टर के साथ एक अजीबो गरीब ठगी का मामला सामने आया है। जिसमें कॉल करने वाले ने अपने को पुलिस का अधिकारी बताते हुए बताया कि उनकी बेटी और एक और लड़की को हिरासत में लिया गया है। बताया कि उनकी बेटी ने विधायक की लड़की ने किसी विधायक के बेटे से 20-25 लाख रुपए की ठगी की है। इस मामले को सेटल करने के लिए मोटी रकम की डिमांड की गई। 

इतना ही नहीं फोन करने वाले ने अपने किसी सीनियर अधिकारी से बात कराया। उक्त नंबर पर गोरखपुर में तैनात एक इंस्पेक्टर का फोटो लगा हुआ था। कॉलर डॉक्टर से आईजी साहब के आने और मीडिया के पास जाने की धमकी देते हुए सेटलमेंट की बात कर रहा था। जबकि डॉक्टर की बेटी घर पर सो रही थी। 

 

जबकि डॉक्टर की बेटी घर में सो रही थी। डॉक्टर प्रशांत अपनी सजकता के कारण- ठगी का शिकार होने से बच गए। उन्होंने लंका पुलिस से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। प्रशांत ने फोन करने वाले से घूम कर कई बार पूछा कि मेरी बेटी कहां है और कहां से आप बोल रहे हैं, कितना पैसा लगेगा? जिस पर फोन करने वाला सिर्फ धमकी भरी बातें कर रहा था।

 

साइबर एक्सपर्ट की मानें तो AI के ज़माने में अपराधी लोगों को ठगने के लिए इस तरह के कई और हथकंडे अपनाते हैं। कई बार तो लोगों को फोन पर उनके परिजनों की भी आवाज़ सुनाई देती है। जबकि ऐसा वास्तव में होता नहीं है। इससे बचने का एक मात्र उपाय है कि आपको जिसके भी नाम से फोन आए, या फिर जिसके नाम से धमकाया जाय। पहले एक बार उक्त व्यक्ति को व्यक्तिगत तौर पर कॉल करके मामले की जांच स्वयं करें। इसके बाद पुलिस से शिकायत करें। जल्दबाजी में किसी भी तरह का निर्णय आपको आर्थिक हानी पहुंचा सकता है।

ऐसी एक और घटना ,पापा मुझे बचा लो सीबीआई ने पकड़ लिया है… चंदौली में AI तकनीक से फिर हुई ठगी,पुलिस की साइबर सेल ने कहा, ऐसे मामलो में जांच पड़ताल किए बिना न ले कोई निर्णय और पुलिस को करे सूचित

 

चंदौली:- साइबर फ्रॉड से बचने के लिए लिए पुलिस की तरफ से किये तमाम इंतजाम नाकाम साबित हो रहे है। एआई तकनीक का इस्तेमाल कर साइबर ठग लोगों को अपने जाल में फंसाने में कामयाब हो जा रहे है। ऐसा ही मामला चहनियां क्षेत्र में सामने आया है। जहां खुद को सीबीआई का अधिकारी बताते हुए 75 हजार रुपये ठग लिए। फिलहाल साइबर थाना मुकदमा दर्ज कर जांच में जुटी है। बताते है कि बलुआ थाना क्षेत्र के पलिया गांव निवासी ओमप्रकाश यादव के मोबाइल पर एक फोन आया। जिसमें साइबर ठग ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताते हुए कहा कि तुम्हारे बेटे को गिरफ्तार किया गया है , और उसको जेल भेजने की कार्यवाई की जा रही है। ये सुनते ही ओमप्रकाश के पैरों तले जमीन खिसक गई। लेकिन खुद को संभालते हुए कहा कि एक बार मेरे बेटे बात कराओ। जिसके बाद उनके बेटे की आवाज में बोला पापा मुझे बचा लो। जिसके बाद फोन हटा दिया , और बोला तुम्हारे बेटे को कोई नही बचा सकता। अब बेटे को जेल जाना तय है। इस दौरान साइबर ठग ने ब्लैकमेल करते हुए करीब चार घंटे तक ओमप्रकाश को फोन कट करने नही दिया , और उनसे ऊंचे रकम की डिमांड करने लगा। कहा कि तुम्हारे मोबाइल पर एक नंबर भेजा जा रहा है। उक्त नंबर में 50 हजार रुपये भेज दो। तुम्हारे बेटे को छोड़ दिया जाएगा। जिसके बाद घबराए ओमप्रकाश ने उस मोबाइल नंबर पर तत्काल 50 हजार भेज दिया। लेकिन बावजूद इसके छोड़ने की बात नहीं सुनी। लेकिन वो लगातार ब्लैक मेल करता रहा। 25 हजार की और मांग करने लग। मिन्नत करने के बाद भी नहीं माना। बाद में ओमप्रकाश ने 25 हजार और भेज दिए। उसके बाद उन लोगो का फोन कट गया। जिसके बाद तत्काल अपने बेटे को फोन लगाया और बात किया तो उसका बेटा घर में मौजूद मिला। जिसके बाद पुलिस लाइन स्थित साइबर क्राइम कार्यालय पहुचा और लिखित तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई। इस बाबत साइबर सेल प्रभारी ने बजरिये फोन बताया कि खुद को सीबीआई अफसर बताते हुए 75 हजार रुपये का फ्रॉड किए जाने की शिकायत प्राप्त हुई है। मुकदमा पंजीकृत कर अग्रिम विधिक कार्रवाई की गई।

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