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आईसीएमआई लखनऊ चैप्टर द्वारा आज दिन “GST अपीलीय न्यायाधिकरण नियम 2025” पर एक विशेष विश्लेषणात्मक संगोष्ठी का आयोजन किया गया –

 

लखनऊ:-  भारत सरकार जिसके तहत लखनऊ के गोमती नगर स्थित सीएमए भवन के ऑडिटोरियम में द इंस्टिट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICMAI) के लखनऊ चैप्टर द्वारा आज दिन “GST अपीलीय न्यायाधिकरण नियम 2025” पर एक विशेष विश्लेषणात्मक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में सीएमए ऋषभ मिश्रा, वरिष्ठ GST सलाहकार, मुख्य वक्ता के रूप में सम्मिलित रहे। उन्होंने अपने गहन अनुभव और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के साथ उपस्थित जनों को “GST अपीलीय न्यायाधिकरण नियम 2025” की नवीनतम विशेषताओं एवं व्यावहारिक पहलुओं पर विस्तार से जानकारी प्रदान की।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें चैप्टर की प्रबंधन समिति के सभी पदाधिकारियों एवं विशिष्ट अतिथियों ने सहभागिता की। दीप प्रज्वलन में विशेष रूप से अध्यक्ष सीएमए रंजीत सिंह, सचिव सीएमए अभिषेक मिश्रा, उपाध्यक्ष सीएमए जूही उपाध्याय, कोषाध्यक्ष सीएमए नरेंद्र कुमार, पूर्व अध्यक्ष सीएमए डॉ. सुनील सिंह, एवं अन्य सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

 

 

इस अवसर पर सीएमए अभिषेक मिश्रा, सचिव, (ICMAI लखनऊ चैप्टर) ने कहा –“सरकार द्वारा जारी किए गए ये नियम Ease of Doing Business और Taxpayer Friendly Governance जैसे महत्वपूर्ण उद्देश्यों को साकार करने की दिशा में ठोस कदम हैं। यह न्याय व्यवस्था को अधिक वस्तुनिष्ठ, पारदर्शी और उत्तरदायी बनाते हैं। संगोष्ठी नीतिगत संवाद और व्यावसायिक जागरूकता का एक महत्वपूर्ण मंच है।”

मुख्य वक्ता सीएमए ऋषभ मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा,“यह नियम भारत सरकार द्वारा कर प्रशासन में न्यायिक सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल हैं। GST अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना करदाताओं को न्याय पाने के लिए अधिक सुगम और सुलभमंच प्रदान करेगी, जिससे उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों का दबाव भी कम कम होगा। होगा। साथ साथ ही. ही, कार्यप्रणाली को डिजिटलीकरण से जोड़ने, पारदर्शी नियुक्तियों और समयबद्ध आदेश पारित करने जैसी व्यवस्थाएँ करदाताओं के लिए बड़ी राहत साबित होंगी।”

कार्यक्रम में लखनऊ एवं आसपास के क्षेत्रों से आए अनेक CMA पेशेवरों, GST सलाहकारों, छात्रों एवं वित्तीय विशेषज्ञों ने भाग लिया। प्रतिभागियों की उत्साही भागीदारी और संवादात्मक वातावरण ने इस कार्यक्रम को ज्ञानवर्धक और प्रासंगिक स्वरूप प्रदान किया। 

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