
लखनऊ:- काकोरी इलाके में शुक्रवार देर रात दो दोस्तों मनोज व रोहित की गला रेतकर और हाथ की नस काटकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में परिजनों शव सड़क पर रखकर हंगामा काटा था. पुलिस ने पूरे ही मामले का जल्द खुलासा करने का भरोसा दिया था. इसी के चलते पुलिस ने हत्यारोपी सिपाही, पत्नी और दो दोस्तों को हिरासत में लिया है. वहीं, परिजनों ने रविवार को भी मामले के खुलासे को लेकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है.पुलिस सूत्रों की मानें तो काकोरी के पानखेड़ा के रहने वाले मनोज का लंबे समय से एक युवती से प्रेम प्रसंग था. करीब डेढ़ साल पहले उस लड़की की शादी काकोरी के पुरैना गांव में 2018 बैच के सिपाही से हो गई थी. पुलिस की मानें तो शादी के बावजूद भी मनोज और उस युवती की बातचीत नहीं बंद हुई. सिपाही पति को जब पत्नी के चरित्र पर शक हुआ तो उसने छानबीन की. सिपाही को पत्नी के अवैध संबंधों की जानकारी लगी तो वह बदला लेने की फिराक में घूमने लगा. सिपाही लखीमपुर खीरी में तैनात था.
रोहित के पिता रमेश परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के सिक्योरिटी गार्ड हैं. रोहित राजपूत और मनोज राजपूत आपस में दोस्त थे. उन्होंने बताया कि बेटा बर्थडे पार्टी में जाने की बात कहकर शाम को निकले थे. यह नहीं बताया कि कहां-किसके पास जा रहा है. वहीं, मनोज के पिता रामनरेश का कहना है कि वह दोस्त के घर दावत की बात कहकर निकला था फिर थोड़ी देर बाद उसकी हत्या की सूचना मिली.
लखनऊ के काकोरी इलाके में ईंट गांव की रहने वाली महिला का अफेयर आईटीआई छात्र मनोज से चल रहा था। डेढ़ साल पहले महिला की शादी 2018 बैच के सिपाही महेन्द्र कुमार से हुई थी। जब सिपाही को इस संबंध की जानकारी मिली तो उसने मनोज की हत्या की साजिश रच डाली। मनोज पर किये 18 से 20 वार , रोहित पर एक वार।
पत्नी से करवाया फोन, मिलने बुलाकर वारदात को दिया अंजाम –
शुक्रवार को सिपाही ने पत्नी पर दबाव बनाकर मनोज को मिलने के लिए फोन करवाया। मनोज शुक्रवार रात 2 बजे अपने दोस्त रोहित के साथ पान खेड़ा पहुंचा, जहां सिपाही, उसके दो साले और एक दोस्त घात लगाकर बैठे थे।
चापड़ से किए ताबड़तोड़ वार, मनोज और रोहित की हत्या –
जैसे ही मनोज वहां पहुंचा, सिपाही और उसके साथियों ने चापड़ से उस पर हमला कर दिया। मनोज की मौके पर ही मौत हो गई। बीच-बचाव करने आए उसके दोस्त रोहित की भी हत्या कर दी गई।
वारदात के बाद लखीमपुर भागा सिपाही, सर्विलांस से पकड़ा गया –
वारदात के बाद सिपाही महेन्द्र कुमार लखीमपुर भाग गया। लखनऊ पुलिस ने सर्विलांस की मदद से सिपाही, उसकी पत्नी और दो सालों को गिरफ्तार कर लिया। चारों से पूछताछ जारी है।
पत्नी के साथ रहने या मनोज के पास जाने का दिया था विकल्प –
हत्या से पहले सिपाही ने पत्नी पर दबाव डालकर पूछा था कि वह उसके साथ रहना चाहती है या मनोज के पास जाना चाहती है। पत्नी ने सिपाही के साथ रहने का फैसला किया, जिसके बाद सिपाही ने खौफनाक साजिश को अंजाम दिया।