BHU में अनशन पर बैठे 3 छात्रों की तबीयत बिगड़ी;डॉक्टरों की टीम ने की जांच, छात्र बोले- जब तक मांगे पूरी नहीं होगी, आंदोलन जारी रखेंगे –

✍️नवीन तिवारी
वाराणसी:– बीएचयू में छात्र तीन दिन से अनशन पर हैं। उनकी मांग है कि पीएचडी में 2023 में हुए एडमिशन का नोटिफिकेशन जारी किया जाए। जब तक मांगे पूरी नहीं होगी वे अनशन खत्म नहीं करेंगे। अनशन पर बैठे दिव्यांश दुबे और श्यामल कुमार की तबीयत बिगड़ने लगी है।
छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी मांगों को संज्ञान में नहीं ले रहा है। वह तानाशाही रवैया अपनाएं हुए हैं। उनकी मनमानी का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।
रविवार को एक चिकित्सक ने इन दोनों छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद इन्हें भूख हड़ताल समाप्त करने की सलाह दी लेकिन दोनों छात्र अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। आंदोलनरत छात्रों का कहना है कि जब तब विश्वविद्यालय प्रशासन कोई सार्थक उत्तर नहीं देता तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान यदि इन दोनों छात्रों के साथ कुछ भी अप्रिय होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी बीएचयू प्रशासन की होगी।
छात्रों काआरोप है कि कुलपति के इशारे पर विश्वविद्यालय में जाति विशेष के लोगों को ही प्रमुख पदों की जिम्मेदारी दे दी गई है। विश्विद्यालय हित में ठोस कदम उठाने की जगह सिर्फ और सिर्फ फंड रेजिंग पर ही जोर दिया जा रहा है। संबंधित अधिकारी लगातार आंदोलन के बाद भी छात्रों से मिलना उचित नहीं समझ रहे। उल्टा विद्यार्थियों को चिह्नित करके सस्पेंड करने, परिसर के पेड़ों को कटाई के बेचने जैसे कार्यों में लिप्त हैं। विश्वविद्यालय की सुंदर और समृद्ध परंपरा का हिस्सा ‘स्पंदन जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम को भी बंद करा दिया गया है। ज्यादातर सर्टिफिकेट कोर्स बंद कर दिए गए हैं।