दिल्ली

AAP चलेगी भाजपा की चाल, कई विधायकों से ‘झाड़ू’ छीना जाना तय –

दिल्ली:-     दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव आप के कई बड़े चेहरे चुनाव मैदान से बाहर रहेंगे। वहीं, कई विधायकों के टिकट कटने व कुछ की सीट बदलने की संभावना है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि रणनीतिक तौर पर इस बार ऐसे किसी भी उम्मीदवार को मौका नहीं दिया जाएगा, जो केवल पार्टी के नाम पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।उम्मीदवार तय करते समय क्षेत्र विशेष में प्रत्याशियों की पहचान के साथ जीतने की संभावनाओं को भी परखा जाएगा। इसमें दूसरे दलों से आप में शामिल होने वाले वाले नेताओं से भी कोई भेदभाव नहीं होगा।

 

पार्टी के तरफ से जारी पहली लिस्ट में ऐसे कई उम्मीदवारों का नाम शामिल था, जो कांग्रेस या भाजपा से आप में शामिल हुए। पार्टी सूत्रों की माने तो इस चुनाव को लेकर पार्टी बड़े स्तर पर काम कर रही है। पार्टी की कोशिश है कि 25 दिसंबर से पहले अधिकतर सीटों पर उम्मीदवारों का नाम तय हो जाए। ऐसे में उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में 10-12 अन्य उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हो जाएगी। इन नामों में ऐसे उम्मीदवार शामिल होंगे, जो बीते दिनों कांग्रेस या भाजपा से आप में शामिल हुए हैं।

 

कई विधायकों से नाराज हैं लोग

पार्टी सूत्रों की माने तो मौजूदा सर्वे में पार्टी को 2013 और 2020 जैसा माहौल नहीं दिख रहा। विधायकों के प्रदर्शन के आधार पर कुछ सीटें कमजोर दिख रही हैं। कुछ सीटों पर मौजूदा विधायकों से लोगों में नाराजगी भी हैं। इन सीटों पर उम्मीदवार को बदलकर माहौल को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले कुछ दिनों में कई विधायकों की जगह पर दूसरे नेताओं को चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है।

 

सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने भी लोकसभा चुनाव में अपने छह उम्मीदवारों को बदल दिया था। देशभर में माहौल विपरीत होने के बाद भी परिणाम उनके पक्ष में रहा। ऐसे में आप भी उसी फॉर्मूले को अपनाते हुए ज्यादातर सीटों पर नए उम्मीदवारों को मौका देना चाहती है। इसका दोहरा फायदा पार्टी को होगा। एक उन कार्यकर्ताओं को भी चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा जो लंबे समय से पार्टी के लिए प्रयास कर रहे हैं। वहीं उम्मीदवार को लेकर एंटी इनकम्बेंसी भी खत्म हो जाएगी।

 

चल रही चयन प्रक्रिया

पार्टी सूत्रों को माने तो एक-एक करके सभी सीटों पर उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया चल रही है। मौजूदा समय में केवल 20 फीसदी पुराने चेहरे को ही फिर से टिकट मिलने का आश्वासन मिला है। इनमें से भी कई ऐसे उम्मीदवार हैं जिनकी सीट बदली भी जा सकती है।

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