
✍️नवीन तिवारी
वाराणसी:- विज्ञापन पर रोक के बाद अजय राय बनारसी ठेठ में ही जनता से बात कर रहे हैं। जनसंपर्क में कुछ इस तरह से अपनी बात रख रहे हैं। ‘वर्ष 2024 क ई चुनाव तय करी कि देश क संविधान, लोकतंत्र अउर बनारस क दशा दिशा का होई? बड़े हौसला से आप सब 2014 अ 2019 में सांसद के संगे प्रधानमंत्री क भी चुनाव कइलैं। भावनात्मक शोषण में पारंगत प्रधानमंत्री जी क दावा हौ कि ऊ काशी क बेटा हो गयल हउंअन। बेटा भी अइसन, जे शिव अउर काशी के संगे अपनो के भी ‘अविनाशी’ बतावै। विनती हौ कि 10 साल क सही मूल्यांकन करीं, फिर आप फैसला लेहीं।’
‘दस साल में काशी मनमाना विकास का कछार बन के रह गइल। क्योटो बनल नहीं, काशी की विरासत विगदल। प्राचीन 252 मंदिर, दुर्लभ अक्षय वटवृक्ष दहा के कारिडोर बनल। मंदिर के विस्तार पहिले भी भयल रहल. अबहूँ पुराण विरासत के शेष के विस्तार संभव रहल। जनता का धन जंहाड़ा के गंगाजी के पेट में नहर खनेल की जलपोट चली, पर नहरें हेरागेल। पोर्ट बनल, जहां तीन साल में एक थे जलपोट आयल। गंगा में गंदा नाला त गिरै हो। घोषणा रहल, लेकिन गंगा स्नान, गंगाजल आचमन त दूर, न्यूनतम जी गंगाजल स्पर्श तक ना कइलन। भारी कंपनी के क्रूज़ ऑपरेशन के साथे नाव पर लगल टैक्स मल्लाह समाज का रोटी भी लेल गेल। काशी में मेट्रो का हक मार के, पहाड़ पर चलाय वाला रोप वे अब हर घर, छत, अंगना, परिसर के बेपर्दा करत छल हव।’ काशी की विरासत गांधी विद्या संस्थान और सर्वसेवा संघ भी दान ग्याल। विनोबा, जापान की भूमि विलेखित दस्तावेज़ के कुटरचित टेल के बुलडोजर चलल। एक लाख किताब, गांधी प्रतिमा के संगे सड़क पर फेंक गइल। शिक्षा, कला, संस्कृति का नगरी काशी में कौनो नई शिक्षा, कला संस्थान ना बनल। एम्स का हक काशी से छीनल गइल। नया उद्योग आइल नाहीं।’
विज्ञापन के लिए संपर्क करें :- 7275137271