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एक नवंबर को छात्रा से दरिंदगी, 23 घंटे धरना, 8 दिन प्रदर्शन, 60 दिन बाद पकड़े दरिंदे, जानें पूरी कहानी –

वाराणसी :– आईआईटी बीएचयू में बीटेक की छात्रा से गैंगरेप के आरोप में 60 दिन बाद रविवार को भारतीय जनता पार्टी के तीन नेताओं की गिरफ्तारी हुई।तीनों को अदालत में पेश किया गया,जहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।अब पुलिस तीनों को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी में है। तीनों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जाएगी।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बृज एन्क्लेव कॉलोनी निवासी कुणाल पांडेय, जिवधीपुर बजरडीहा के सक्षम पटेल और अभिषेक चौहान उर्फ आनंद के रूप में हुई है। कुणाल भाजपा महानगर इकाई में आईटी सेल का संयोजक है। सक्षम पटेल सह संयोजक है। अभिषेक चौहान के घर के बाहर भाजपा के बूथ अध्यक्ष का बोर्ड लगा है।हालांकि वह कार्य समिति का सदस्य बताया जा रहा है। गिरफ्तारी के बाद से ही तीनों आरोपियों की फोटो भाजपा के बड़े नेताओं के साथ वायरल हो रही है।

*एक नवंबर की देर रात की घटना, 31 दिसंबर को पकड़े गए आरोपी*

आईआईटी बीएचयू के न्यू गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली बीटेक की छात्रा के अनुसार वह एक नवंबर की रात 1:30 बजे टहलने निकली थी। गांधी स्मृति हॉस्टल के समीप उसे उसका दोस्त मिला। दोनों टहलते हुए जा रहे थे। इसी बीच कर्मन बीर बाबा मंदिर से कुछ दूरी पर बाइक सवार तीन युवक मिले। तीनों ने उसे और उसके दोस्त को अलग कर दिया। इसके बाद तीनों उसका मुंह दबाकर उसे झाड़ियों के पास कोने में ले गए। तीनों ने उसे निर्वस्त्र कर दिया और फोटो-वीडियो बनाए।

इसके बाद तीनों ने उसका प्राइवेट पार्ट छुआ। शोर मचाने पर तीनों ने उसे जान से मारने की धमकी दी। तीनों उसका मोबाइल नंबर लेकर उसे लगभग 15 मिनट तक अपने साथ रखे। इसके बाद तीनों उसे छोड़कर बाइक से चले गए। तीनों के चंगुल से छूटकर वह अपने हॉस्टल की ओर भागी। इस मामले में दो नवंबर को लंका थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आईआईटी के छात्रों ने बड़ा आंदोलन किया था। पठन-पाठन का काम ठप कर दिया था।

आईआईटी में 23 घंटे धरना, आठ दिन चला विरोध प्रदर्शन
आईआईटी बीएचयू परिसर में एक नवंबर को आधी रात के बाद छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना के विरोध में छात्रों ने 23 घंटे तक धरना दिया था। बाद में सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से आठ दिनों तक विरोध जताया था। उनकी मांग थी कि आरोपियों की जल्द गिरफ्तार किया जाए। अब 60 दिन बाद आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है।

आईआईटी परिसर में कर्मनवीर बाबा मंदिर के पास बुलेट सवार तीनों आरोपियों ने निवेदिता गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली छात्रा को निर्वस्त्र कर उसके साथ दुष्कर्म किया था। अगले दिन सुबह दो नवंबर को जैसे ही छात्रों को इसकी जानकारी हुई तो करीब दो हजार से अधिक छात्र सुबह 10 बजे सड़क पर उतर आए।

राजपूताना हॉस्टल के बाहर सड़क जाम कर धरना दिया। जब उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो छात्र निदेशक कार्यालय के बाहर जम गए और आईआईटी प्रशासन के विरोध में नारेबाजी करने लगे। रात करीब 11 बजे पुलिस के आला अफसरों ने आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया, तब जाकर धरना समाप्त हुआ था। जब कोई कार्रवाई नही हुई तो छह नवंबर को छात्रों ने फिर से निदेशक कार्यालय का घेराव कर धरना-प्रदर्शन किया। करीब ढाई हजार छात्रों ने छात्रा को न्याय दिलाने के उद्देश्य से न्याय रैली निकाली थी।

*पीड़िता के बयान के आधार पर बढ़ी थी सामूहिक दुष्कर्म की धारा*

पीड़ित छात्रा की तहरीर के आधार पर दो नवंबर की सुबह लंका थाने में तीन अज्ञात आरोपियों के खिलाफ छेड़खानी, धमकाने और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। बाद में छात्रा ने विवेचक और मजिस्ट्रेट को बयान दिया कि उसका प्राइवेट पार्ट तीनों आरोपियों ने छुआ था। साथ ही उसे जबरन निर्वस्त्र कर बनाए गए वीडियो को सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने की धमकी दी थी। इस आधार पर दर्ज मुकदमे में सामूहिक दुष्कर्म और इलेक्ट्रॉनिक साधनों से यौन उत्पीड़न की धारा बढ़ाई गई थी।

*घटना के दो दिन बाद शहर छोड़कर चले गए थे आरोपी*

पुलिस की पूछताछ में तीनों आरोपियों ने बताया कि एक नवंबर की रात वारदात को उन्होंने अंजाम दिया। दो और तीन नवंबर को उन्होंने देखा कि घटना के विरोध में आईआईटी बीएचयू के छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। इस पर तीनों डर गए और शहर छोड़कर मध्य प्रदेश चले गए। मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव प्रचार में लग गए। मतदान से पहले तीनों वापस शहर आए और गुपचुप तरीके से रह रहे थे। समय बीतता गया तो तीनों आश्वस्त हो गए थे कि अब वह गिरफ्तार नहीं होंगे।

*आरोपियों के घर सन्नाटा, लोग बोले- जैसा बोया, वैसा काट रहे*

तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनके घर पर सन्नाटा पसरा हुआ है। सक्षम और अभिषेक के घर के बाहर तो कोई नहीं दिखा, लेकिन कुणाल के घर की ओर जाने पर कुछ लोग पूछताछ करना शुरू कर दे रहे थे।नाराजगी भरे लहजे में कह रहे थे कि यहां किस लिए आए हो, क्या काम है, पहले तो कभी नहीं दिखे। वहीं, तीनों आरोपियों की करतूत को लेकर उनके मुहल्ले के लोगों का कहना था कि जो जैसा बोएगा, वैसा काटेगा। अपना पाप-पुण्य वह जानें, हम लोगों से भला क्या मतलब है।

*भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष का वर्जन*

आईआईटी बीएचयू की घटना के तीनों आरोपी भाजपा के कार्यकर्ता रहे हैं। पहले कुणाल पांडेय आईटी सेल महानगर का संयोजक और सक्षम पटेल सह संयोजक था। वर्तमान में इन तीनों में किसी के पास कोई दायित्व नहीं है। अपराध करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की पैरवी हमारी ओर से भी है। भाजपा की सरकार में कानून व्यवस्था से सर्वोपरि कोई नहीं है।- दिलीप सिंह पटेल, क्षेत्रीय अध्यक्ष, काशी क्षेत्र, भाजपा

 

सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की मदद से तीनों आरोपियों को चिह्नित कर उन्हें उनके घर से सर्विलांस सेल, क्राइम ब्रांच और लंका थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। तीनों के खिलाफ कठोर निरोधात्मक कार्रवाई प्रभावी तरीके से की जाएगी।- आरएस गौतम, डीसीपी काशी जोन

*जानें कब क्या हुआ*

-1 नवंबर : रात 1.30 बजे छात्रा के सामूहिक दुष्कर्म।
-2 नवंबर: सुबह 10 बजे राजपूताना हॉस्टल के बाहर सड़क जाम कर छात्र धरने पर बैठे। सुरक्षा की मांग। परिसर में दीवार बनाने पर सहमति बनी।
-3 नवंबर: आईआईटी और बीएचयू परिसर की सुरक्षा को लेकर सिंह द्वार समेत पांच जगहों पर धरना-प्रदर्शन।
– 4 नवंबर: दीवार बनाने के विरोध में बीएचयू में छात्रों का प्रदर्शन। सोशल मीडिया आरोप-प्रत्यारोप।
-5 नवंबर: बीएचयू बचाओ संघर्ष समिति का गठन। पूर्व कुलपति, शिक्षकों ने सद्भावना मार्च निकाला।
-6 नवंबर: 3000 शिक्षक, छात्र सड़क पर उतरे और विरोध किया।
-7 नवंबर: आईआईटी की ओर से दीवार बनाने का फैसला वापस लेते हुए स्थानीय स्तर पर बैरियर बनाया गया। मंडलायुक्त, पुलिस आयुक्त ने बीएचयू पहुंचे। 12 प्वाइंट पर सिपाही तैनात किए गए।
-8 नवंबर: छह दिन बाद कार्रवाई न होने के विरोध में आईआईटी छात्र फिर धरने पर बैठे।
31 दिसंबर- तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया।

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