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काशी और दक्षिण के सांस्कृतिक प्रस्तुति से गूंज उठा नमो घाट

मां गंगा का आरती देख अभिभूत हुए डेलिगेट्स

काशी की पुण्य धरा पर काशी तमिल संगम का भव्य आयोजन किया आयोजन की सबसे महत्वपूर्ण एवं मन को छू लेने वाले आकर्षणों में शामिल है काशी व तमिलनाडु के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक प्रस्तुतियां जो मन को मोह लेने वाली हैं। सोमवार को ही सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में भक्ति धारा प्रवाहित हुई।

नमो घाट पर आयोजित काशी तमिल संगमम-2 का आयोजन उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र प्रयागराज एवं दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र तंजावूर, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किया गया हैं। मां गंगा के तट पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में घाट पर पहुंचे पर्यटकों एवं तमिल मेहमान सुरों की सुंदर ध्वनि में मंत्रमुग्ध हो गए।

काशी की तीन और तमिलनाडु की सात प्रस्तुतियां हुईं। कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति मंगल वाद शहनाई की हुई। जिसको वाराणसी के दुर्गा प्रसाद एवं उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत किया गया है। काशी तमिल संगमम में 20 मिनट की इस पहली प्रस्तुति ने तमिलानाडु से आए डेलीगेट्स का मन मोह लिया। इसके बाद तमिलनाडु के प्रख्यात कलाकार थपट्टम पर टी विनोद भाराथी और उनकी टीम ने अपनी वाद्य और लोक नृत्य कला से लोगों को परिचित कराया। इस लोक वाद्य और नृत्य कला में महिलाएं और पुरुष वाद्य यंत्र लेकर नृत्य भी कर रहे थे। इसके बाद जिकट्टम पर जे विजयकुमार की और उनकी टीम ने लोक वाद्य नृत्य पर प्रस्तुति दी। इसमें बड़े ढोल बजाकर कलाकारों ने डांस किया। इस प्रस्तुति ने दर्शकों में काफी जोश भर दिया कि डेलीगेट्स ने भी जमकर डांस किया।

दक्षिण और उत्तर की एकता के प्रतीक और काशी हिंदू विश्वविद्यालय में दृश्य कला संकाय के डीन प्रो. शशि कुमार एंड टीम ने शास्त्रीय गायन से काफी हर्षित किया। बनारस के पंडित विशाल कृष्णा ने पंद्रह मिनट तक लगातार कथक डांस किया। उनकी नृत्य कला और मुद्राएं भारत के आध्यात्मिक पहलुओं से जोड़ रही थी। तमिल कलाकारों की ओर से भारतनाट्यम हुआ। चेन्नई के थिरूवनमय्यूर की पंडित सुंदरासेन कृष्णापल्ली एकेडमी की ओर से ये खास प्रस्तुति हुई। इसके बाद पेरंब्लूर से एम चेल्लादुरई ने सिवान पार्वाथीकाइट्टम की प्रस्तुति से लोगों का मन मोहा।डमी हॉर्स पीकॉक, बुल डांस में ए जीवा रॉव और टीम,कोथ ट्राइबल डांस बी पुष्पाकुमार टोडास ट्राइबल डांस में सुद्धांथिरमल्ली की प्रस्तुति हुई। सांस्कृतिक कार्यक्रम में काशी और तमिल कलाकारों को मिलाकर कुल दस प्रस्तुति की गई।

काशी तमिल संगमम-2 में पहुंचे सभी युवा डेलिगेट्स को क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी सुभाष चंद्र यादव ने नमो घाट पर स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। जिसके बाद सभी डेलिगेट्स क्रूज पर सवार होकर गंगा आरती में शामिल हुए और वहां से वह होटल के लिए रवाना हो गए।

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