बुंदेलखंड

बिहार के दो बदमाश पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार,रोजगार के नाम पर लेते थे किराए का मकान,रेकी कर घटनाओं को देते हैं अंजाम –

मऊ:– उत्तर प्रदेश के म‌ऊ शहर कोतवाली क्षेत्र के बलिया मोड़ के पास शुनिवार तड़के लगभग तीन बजे पुलिस ने मुठभेड़ में बिहार के कटिहार गैंग के दो बदमाशों को पकड़ने में सफलता हासिल की है।दोनों बदमाशाें के पैर में गोली लगी है। दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।यहां से इन्हें वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया।

 

एसओजी, स्वाट टीम, थाना कोतवाली पुलिस टीम शनिवार सुबह लगभग तीन बजे ढेकुलिया घाट पर चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान बंधा रोड से आ रहे एक मोटरसाइकिल पर सवार दो व्यक्ति दिखाई दिए।पुलिस ने इन्हें रुकने का इशारा किया गया तो मोटरसाइकिल की रफ्तार तेज कर बलिया मोड़ की तरफ भागने लगे।इस पर कंट्रोल रूम को सूचित करते हुए दोनाें बदमाशों का पीछा करते हुए टीम भीटी पुल के नीचे आ गई। इस दौरान बदमाश कच्चे रास्ते की तरफ भागते समय मोटरसाइकिल सहित फिसल कर गिर गए। दोनों असलहे से पुलिस टीम पर फायर झोंक दिए। इस दौरान पुलिस की जवाबी कार्यवाही में दोनों बदमाशों के पैर में गोली लगी और वहीं गिर गए।

 

पुलिस टीम ने दोनों बदमाशों का पकड़ लिया गया। इनके पास तलाशी ली गई तो दो तमंचा, 4 कारतूस 315/12 बोर, एक चोरी की मोटरसाइकिल,एक बैग में रखे 80 हजार रुपये, शैलेन्द्र कुमार राय के नाम एसबीआई बैंक के चेकबुक, पासबुक, फोटो व अन्य कागजात एवं बरामद किया गया।

 

पूछताछ के दौरान दोनों ने अपना अपना नाम दीपक यादव और तरुण कुमार यादव बताया।बिहार के कोड़ा कटिहार थाना के जोराबगंज के रहने वाले हैं।दोनों बदमाशों ने बताया कि वह मोटरसाइकिल की डिक्कियों से पैसा चुराते है। विगत दिनों मऊ नगर में हुई चोरी की कई घटनाओं में संलिप्त होना स्वीकार किया है।

 

गिरफ्तार करने वाली टीम में एसओजी प्रभारी अमित कुमार मिश्रा, अविनाश धर दुबे, अनिरुद्ध सिंह,अनुदेश दत्त बनौधा, प्रवीण मिश्रा, हेड कांस्टेबल बब्बन सिंह चौहान, कोपागंज थाना प्रभारी प्रमोद कुमार सिंह, आदर्श मिश्रा, रोहित सिंह, विराट पटेल, हेड कांस्टेबल ओमप्रकाश राय, सर्विलांस टीम में विवेक सिंह व बृजेश कुमार आदि शामिल थे।दोनों बदमाशाें को गिरफ्तार करने वाली टीम को एसपी अविनाश पांडेय ने 25 हजार रुपये ईनाम देने की घोषणा की है।

 

अपर पुलिस अधीक्षक महेश सिंह अत्री ने बताया कि कटिहार गैंग के अपराधी पांच-छह की संख्या में किसी विशेष इलाके में जाते हैं। वहां रोजगार के नाम पर किराए के मकान लेते है। अलग-अलग लाज में फेक नाम और पता के साथ रहते हैं तथा उसके समीप शहर में लूट को अंजाम देते हैं। खासकर बैंको में रेकी तथा बाहर लूट, स्वर्ण आभूषण की दुकानें, पेट्रोल पंप व बड़े व्यवसायी इस गिरोह के निशाने पर होते हैं।

 

अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि रेकी करने वाले सदस्य बैंक के अंदर लोगों द्वारा बड़ी रकम निकासी पर नजर रखते हैं। ज्यों ही ऐसे लोग बाहर निकलते हैं, उसकी पूरी जानकारी बैंको के आस-पास रहने वाले बाइक सवार सदस्यों को दी जाती है।यह लोग उस व्यक्ति के मोटरसाइकिल का पीछा करते है। इस दौरान वह व्यक्ति कहीं पर अपनी मोटरसाइकिल खड़ी करके किसी काम से चला जाता है तो एक व्यक्ति मास्टर चाबी से उसकी बाइक की डिक्की खोलकर रुपये निकाल लेते हैं।साथ ही साथ यदि वह व्यक्ति रास्ते कहीं नही रुकता है तो इन लोगों के द्वारा पीछे से व्यक्ति के ऊपर कंवाच पाउडर डाल दिया जाता है। इससे व्यक्ति को खुजली होने लगती है। इससे वह व्यक्ति मोटरसाइकिल खड़ी करता है तो मौका देखकर उसकी मोटरसाइकिल की डिग्गी से रुपये चुरा लेते हैं।

अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इनके द्वारा पेट्रोल पंप, सुनार के कैश की रेकी कर लूट, झपट्टामारी, महिलाओं के साथ चेन स्नेचिंग, ट्रेन/बसों में नशा खिलाकर लूट लेना, गाड़ी का शीश तोड़कर तथा सड़क पर नोट गिराकर कर लूट को अंजाम देते हैं।

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