
लखनऊ:- लखनऊ विश्वविद्यालय के रसायन विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रगति कुशवाहा और उनकी शोध टीम ने ग्रीन सिंथेटिक केमिस्ट्री में एक नई और महत्वपूर्ण विधि खोजी है। यह शोध अंतरराष्ट्रीय जर्नल Synlett (इम्पैक्ट फैक्टर ~2.3, Q2 इन केमिस्ट्री) में प्रकाशित हुआ है। इसमें इमिडाज़ो[2,1-b]थायाज़ोल-5-इल-2,4-डायहाइड्रोपायरानो[2,3-c]पायराज़ोल डेरिवेटिव्स के प्रभावी और पर्यावरण-अनुकूल संश्लेषण की नई पद्धति विकसित की गई है, जिनका औषधीय महत्व है।
इस अध्ययन में HPA-मॉन्टमोरीलोनाइट-KSF को पुनः प्रयोज्य (recyclable) विषम उत्प्रेरक (heterogeneous catalyst) के रूप में प्रयोग किया गया है। यह विधि मल्टीकंपोनेंट रिएक्शन (MCR) मार्ग से आगे बढ़ती है और न केवल किफायती व पर्यावरण-अनुकूल है, बल्कि व्यावहारिक स्तर पर भी लागू की जा सकती है, जिससे सामान्य परिस्थितियों में अच्छे से उत्कृष्ट उपज प्राप्त होती है।
इस शोध का महत्व इस तथ्य में निहित है कि यह शास्त्रीय मल्टीकंपोनेंट रिएक्शनों का ग्रीन, स्केलेबल और उच्च उपज देने वाला संशोधन प्रस्तुत करता है। यह उपलब्धि जटिल हेटरोसाइक्लिक यौगिकों के लिए एक टिकाऊ और प्रभावी मार्ग प्रदान करती है, जिनका औषधि खोज और चिकित्सीय रसायन विज्ञान में विशेष महत्व है।