पुलिस पिटाई से भाजपा कार्यकर्ता की मौत
जांच के लिए SIT का गठन CM योगी से मिला पीड़ित परिवार

गाजीपुर: यूपी के गाजीपुर के नोनहरा में भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय उर्फ जोखू की मौत हो गई थी. आरोप है कि पुलिस की पिटाई से उनकी जान गई. अब तक इस मामले में थाना प्रभारी सहित 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित करते हुए पांच पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया जा चुका है. अब मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. इधर, सीएम योगी ने भी घटना पर संज्ञान लिया है. लखनऊ में पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है. कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
दरअसल, 9 सितंबर को गाजीपुर जनपद के नोनहरा थाना परिसर में धरना दे रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. जिसमें करीब 7-8 लोग घायल हुए थे. लाठीचार्ज में घायल सियाराम उपाध्याय उर्फ जोखू की 11 सितंबर को मौत हो गई. मृतक के परिजनों से पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने मुलाकात कर यह भरोसा दिलाया गया है कि मामले में निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
वहीं, मामले की जांच के लिए कमिश्नरेट वाराणसी के DCP काशी जोन, गौरव बंसवाल की अध्यक्षता में 03 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है. उक्त SIT में अंशुमान मिश्रा, अपर पुलिस उपायुक्त वाराणसी एवं नितिन तनेजा, सहायक पुलिस आयुक्त कैंट वाराणसी को सदस्य नामित किया गया है.
एडीजी जोन वाराणसी पीयूष मोर्डिया ने बताया कि 9 सितंबर को नोनहरा थाना पर भाजपा जिला उपाध्याय सियाराम और भाजपा कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन पर बैठे थे. कुछ लोगों को थाना से हटाया गया था. इस दौरान लगी चोट से 11 नवंबर को रुकुंडीपुर गांव के सीताराम उपाध्याय की असामयिक मृत्यु हो गई. घटना के तथ्यों को जानने के लिए जिलाधिकारी गाजीपुर द्वारा एसआईटी टीम गठित की गई है. जांच के निष्कर्ष के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
कहा कि जांच प्रभावित न हो इसके लिए पुलिस अधीक्षक गाजीपुर ने पहले ही थानाध्यक्ष और 6 कांस्टेबल को निलंबित किया गया है. साथ ही 6 अन्य कांस्टेबल को पुलिस लाइन स्थानांतरित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि पुलिस उपमहानिरीक्षक वाराणसी मृतक के घर जाकर उनके माता-पिता से मिले. उनसे संवेदनाएं व्यक्त कीं. अब तक की पुलिस कार्रवाई से सभी लोग संतुष्ट हैं.
सीएम योगी से मिला पीड़ित परिवार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पीड़ित परिवार की मुलाकात भाजपा के एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने करवाई. विशाल चंचल गाजीपुर से दो बार एमएलसी चुने जा चुके हैं. वे पीड़ित परिवार को लखनऊ लेकर गए थे. चंचल ने बताया कि सीएम ने परिवार के दुख को समझा और न्याय का भरोसा दिलाया. योगी ने डीजीपी को फोन कर निर्देश दिए कि दूसरे जिले के एसपी स्तर के अधिकारी से एसआईटी जांच कराई जाए. कहा कि दोषी पुलिसवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. पीड़ित परिवार ने सीएम से मिलकर अपनी पीड़ा बयां की और न्याय की मांग की. चंचल ने कहा कि, “हमें सीएम से पूरा सहयोग मिला. हम जांच का इंतजार कर रहे हैं.
गाजीपुर की राजनीति में यह मामला अब सियासी रंग ले चुका है. भाजपा समर्थक इसे पुलिस की गुंडागर्दी बता रहे हैं, जबकि विपक्षी दल जैसे समाजवादी पार्टी इसे भाजपा सरकार की विफलता ठहरा रहे हैं. जिले में अलग-अलग खेमे बन गए हैं. भाजपा के खेमे में एमएलसी चंचल और स्थानीय नेता सक्रिय हैं, जो पीड़ितों के समर्थन में सड़क पर उतरने की बात कर रहे हैं. वहीं, सपा और अन्य विपक्षी दल पुलिस कार्रवाई को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं. जमानिया विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक ओमप्रकाश सिंह ने भी इस पर बयानबाजी की है, जिससे तनाव बढ़ गया. सभी पक्ष अब एसआईटी की रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि लाठीचार्ज क्यों हुआ और कौन जिम्मेदार है? मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि जांच निष्पक्ष होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.