गोरखपुर
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पूर्वांचल गाँधी 17 सितम्बर को लखनऊ में गाँधी प्रतिमा पर करेंगे अनिश्चितकालीन सत्याग्रह की शुरुआत –

सत्यपथ” गोरखपुर से अंशुमान पाण्डेय की “बागी” की रिपोर्ट

 

“भारत में लोकतान्त्रिक संवैधानिक क्रांति का आगाज” 

“पूर्वांचल गाँधी ने मोदी की तानाशाहीयत के खिलाफ फूंका बिगुल”

17 सितम्बर को लखनऊ में गाँधी प्रतिमा पर करेंगे अनिश्चितकालीन सत्याग्रह की शुरुआत –

महामहिम राष्ट्रपति को पत्र लिखकर दी चेतावनी। 

गोरखपुर:-   “राष्ट्रपति महोदया “

 जीवन’ लोकतांत्रिक’संवैधानिक’ क्रांति

 17 सितंबर गांधी’अंबेडकर’प्रतिमा जीपीओ लखनऊ केले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मारत मेँ लोकतंत्र’एवं ‘संविधान’कुचल दिया है आज हर हिंदुस्तानी का यह धर्म है कि वह सच’कहे लोकतंत्र’संविधान’महफूज’के लिए,जो अनगिनत की फांसी एवं कुर्बानी का नतीजा है,आगे आएं।17 सितंबर जब इस देश की सरकारी मशीनरी तानाशाह प्रधानमंत्री’ के जन्मदिन मनाने में मशगूल होगी तब गांधी’ अंबेडकर प्रतिमा’जीपीओ, लखनऊ में जीवन’ लोकतंत्र ‘संविधान’की हिफाजत के लिए एक ‘क्रांति’करूंगा जिस क्रांति की आत्मा ‘सत्य”अहिंसा’ की होगी’ यदि सरकार ने हमारा जीवन’ लोकतंत्र संविधान वापस नहीं किया तो गांधी’ शास्त्री’ जयंती 2 अक्टू संसद भवन,पर ‘सत्याग्रह करूंगा।

लोग किताबों में पड़कर और सुनकर ‘लोकतंत्र’जानते हैं मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमारे हिस्से का लोकतंत्र ‘वोट देने तक’ सीमित है।

मुझे ऐसा लोकतंत्र नहीं चाहिए जिसमें हमारे पत्रों का जवाब भी न दिया जाता हो ‘संवाद’एवं जबाबदेही’की आत्मा से बने लोकतंत्र में पत्रों का जवाब ही नहीं दिया जाता ?कब तक चलेगा यह लोकतंत्र? जब तक जनता ‘अशिक्षित’ रहेगी और और इसे सहती रहेगी? कोई मुझसे पूछे कि भारत में कैसा तंत्र चल रहा है? तो मैं कहूंगा निरंकुश तंत्र’ तानाशाही तंत्र’ प्रधानमंत्री तंत्र’ मंत्रिमंडल तंत्र’ झूठ’ लूट’ तंत्र अपराधी तंत्र। मैं जानता हूं बहुसंख्यक लोगों की आंखों पर अंधविश्वास’ एवं नफरत’का पर्दा लग चुका है परंतु मेरी आंखों के सामने और मेरे दिल में तो गांधी भगत सिंह अंबेडकर और एपीजे अब्दुल कलाम बसे हैं,

 

लोकतंत्र डेमोक्रेसी के बारे में हम किताब में पड़कर सुनकर जानते है 80% लोग तो यह भी नहीं जानते,और वे जानने में रुचि भी नहीं रखते हैं, वह वर्ग किसान और मजदूरों का है, कि वे (और स्वतः मै) निजी तौर पर वोट देने के अतिरिक्त डेमोक्रेसी के बारे में कुछ नहीं जानता। ऐसी व्यवस्था को डेमोक्रेस’मैं कैसे मान लूं? जिसमेँ हमारे प्राण’पेट’पथ’ शिक्षा’ ‘चिकित्सा’ रेल ‘पर टैक्स, बिना हमसे पूछे मनमानी लगा दिया। मंत्री तानाशाह और निरंकुश की तरह जितनी मर्जी होती है हमारी सड़कों पर हमारी निजी गाड़ियों पर टैक्स लगता है। कोई बताएं इसे मैं कैसे डेमोक्रेसी कहूं? देशभर की विधायिकाओं के लगभग 5000 लोगों का कब्जा है लोकतंत्र ‘पावर’मनी’वाइन”की दास’ बन चुकी है। लुटेरे’ अपराधी’ लोकतंत्र रूपी घर के सदस्य एवं मालिक बन चुके हैं। भारत के प्रधानमंत्रियो ने ‘लोकतंत्र के तरीके’से कभी काम नहीं किया।दिखावे का मंत्रिमंडल रहा उसने मनमानी ढंग से अन्य मंत्रियों की नियुक्ति की तानाशाह की तरह काम किया।यह बात मैं केवल नरेंद्र मोदी के लिए नहीं लिख रहा हूं.लाल बहादुर शास्त्री और मनमोहन सिंह इसके अपवाद हैं

 

सच का लोकतंत्र तो यही है कि सत्ता किसी एक के हाथ में न हो मंत्री परिषद का वरिष्ठतम सदस्य प्रधानमंत्री संबोधित किया जाए कोई निर्णय बहुमत से लिया जाए विदेशी संवाद’ समझौते’ विदेश मंत्री या राष्ट्रपति करें। मैं जब डॉ सुब्रमण्यम स्वामी डॉ मोहन भागवत राहुल गांधी का नाम लिखता हूं इसका यह अर्थ नहीं कि मैं इन्हें थोप रहा हूं यह एक विचार है मेरा निजी है और इसके लिए मुझे फूहड़ एवं अपशब्द न कहे जाये तो इस देश के हित में होगा। इन तीनों का एक जगह नाम लेने का अर्थ यही है कि इसमें से कोई एक या यह सबसे अच्छा होगा इन तीनों के हाथ में हिंद की सरकार शॉपी जाए अवश्य ही तीनों पूरी मंत्रिमंडल के साथ मिलकर कोई निर्णय ले मिसाल के तौर पर महंगाई का अंत कैसे किया जाए?संविधान’ लोगों तक कैसे पहुंचा जाए’?यानी सच्चा संविधान लागू हो’ डेमोक्रेसी में अधिक से अधिक लोगों की कैसे सहभागिता? 

 

2014 में नरेंद्र मोदी के प्रथम चुनावी कार्यक्रम चाय पर चर्चा का गोरखपुर में संचालन मैंने किया था। लेकिन बाद में मैंने देखा किस तरह से उन्होंने जनता के पेट पर टैक्स लगाया जीएसटी लगाकर देश को लूटा’नफरत’फैलाई भय पैदा की मणिपुर में उनकी नजर के सामने कितनी क्रूर हिंसा हुई लोकतंत्र को झूठ तंत्र हिंसा तंत्र तानाशाही निरंकुश तंत्र में बदल दिया सबसे बड़ी छति यह हुई कि ‘भारत रिपब्लिक’ अपनों मुट्ठी में बंद कर लिया रामनाथ कोविंद को अपनी इच्छानुसार राष्ट्रपति बना दिया द्रोपति मुर्मू को अपनी इच्छा अनुसार प्रेसिडेंट बनाया,यशवंत सिन्हा उम्मीदवार थे डेमोक्रेसी की रत्ती भर परवाह होती तो वे प्रेसिडेंट होते ‘लेजिसलेशन वायलेट’ किया किया गया इसके अनगिनत उदाहरण है डिमॉनेटाइजेशन जीएसटी’लॉकडाउन’किसान बिल’NEP 2020’मजदूर कानून’सेंट्रल विस्टा’एनआरसी’ ईडी सीबीआई चुनाव आयोग वोटर लिस्ट और सबसे ऊपर 145 करोड़ लोगों की अधिकार वाली ‘सरकारी संपदा’ ‘संसाधन”जमीन”बेचना’ किसी से नहीं पूछा 145 करोड़ का प्रतिनिधित्व करने वाली संसद से भी नहीं।कोई एक आदमी बताएं इसमें कहां डेमोक्रेसी है? दिल्ली में 28 मई 2023 को ‘विश्व में तिरंगे की शान रखने वाली’ बेटियां सड़कों पर घसीटी जा रही थी और प्रधानमंत्री ‘सेंट्रल विस्टा’का उद्घाटन कर रहे थे जीवन के मौलिक अधिकार का ‘सड़क पर कत्ल किया जा रहा था और ‘राष्ट्रपति’ राष्ट्रपति भवन में बैठी थी

 

हम मोदी के 11 वर्ष को पुनर्जीवित नहीं कर सकते निसंदेश वे निजी तौर पर वैसे ही एक ईमानदार इंसान है जैसे मनमोहन सिंह थे लेकिन उनके समय हुए भ्रष्टाचार के लिए उन्हें भी दोषी ठहराया गया और उन्हें दोषी ठहरने वालों में नरेंद्र मोदी सबसे आगे थे परंतु जो कुछ भी अच्छा बुरा उन्होंने किया है उसके लिए इतिहास उन्हें ही अपने पन्नों में दर्ज करेगा. मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि जो पाप सत्ता हासिल करने के लिए और सत्ता में बने रहने के लिए इन्होंने भारत की डेमोक्रेसी और कॉन्स्टिट्यूशन को कुचलने में किया है उसके लिए गांधी भगत सिंह अंबेडकर एपीजे अब्दुल कलाम और 145 करोड लोगों के इस राष्ट्र से क्षमा मांग लें

 

ब्रिटिश इंपीरियल लेजिस्लेटिव जिसे अब सांसद कहा जाता है 543 ‘238 लुटेरे एवं अपराधियों (अच्छे के लिए इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं ) के लिए फरिश्ता का दिया हुआ भवन हो सकता है परंतु मेरे लिए इस भवन के प्रति उतनी ही इज्जत है जितनी गांधी भगत सिंह अशफाकउल्ला खान को थी

आप सें, क्योंकि यह बेहद आसान है इतना ही चाहता हूं।

 🙏”विधायिका कार्यपालिका की ‘सदस्यता एक बार” का कानून बना लिया जाए ताकि देशभर की विधायिका कार्यपालिका पर चोर लुटेरों अपराधियों (लगभग 5000 इसमें अच्छे शामिल नहीं) का कब्जा टूट जाए ‘ 78 वर्षों की गुलामी से लोकतंत्र आजाद हो जाए’

🙏जीवन बचाने’ एवं ‘महंगाई के पतन का महामंत्र यह है कि आटा चावल दाल तेल चीनी दूध दही दवा हवा पानी शिक्षा चिकित्सा रेल पर टैक्स समाप्त कर दिया जाए डीजल पेट्रोल सीएनजी ₹70 घरेलू गैस ₹500 प्रति सिलेंडर कर दिया जाए

🙏संविधान 145 करोड लोगों तक पहुंचाने के लिए एक उपाय बताता हूं गरीब अमीर सबके लिए निशुल्क

“एक विद्यालय’ ‘एक चिकित्सालय ‘एक रेल’स्थापित कर दिया जाए

 

15 सितंबर तक हमारा जीवन’ लोकतंत्र’ संविधान’ जो मेरा मौलिक अधिकार है, दे दिया जाए अन्यथा 17 सितंबर गांधी’ अंबेडकर’ प्रतिमा जीपीओ लखनऊ, सत्य’अहिंसा’ की ताकत से तिरंगे एवं संविधान के साथ सत्याग्रह करूंगा.

लोकतंत्र’ संविधान”मानने वालों से इस क्रांति पर उनकी सहमति/ असहमति चाहता हूं अंदपंथी’ हिंदुत्व के हुड़दंगाई’ हिंदू राष्ट्र’की मांग करने वाले की असहमति स्वाभाविक परंतु लिखकर या फोन कर गलियां न दें. कांटेक्ट/ व्हाट्सएप नं 94154 18263.

 

प्रति:- सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय माननीय उच्च न्यायालय

प्रधानमंत्री गृह मंत्री सांसद गण गवर्नर मुख्यमंत्री गण

 मुख्य सचिव डीजीपी उत्तर प्रदेश

आयुक्त’ डी एम’एडीजी’डीआईजी’ एसएसपी’ गोरखपुर

डॉ संपूर्णानंद मल्ल पूर्वांचल गांधी

पीएचडी इन हिस्ट्री’डिपार्टमेंट ऑफ़ हिस्ट्री’फैकल्टी ऑफ़ सोशल साइंसेज’देलही यूनिवर्सिटी

सत्यपथ’ गोविंद नगरी’ बशरतपुर’ थाना शाहपुर ‘ गोरखपुर –

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