कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश की उनके घर पर हत्या –

दिल्ली :- पूर्व डीजीपी मर्डर: बीवी बोली- हां, मैंने ही मारा… खौलता तेल, आंखों में मिर्ची, रोंगटे खड़े कर देगी पत्नी द्वारा पति के मर्डर की यह कहानी –
घर के अंदर का मंजर दिल दहलाने वाला था. ओम प्रकाश की लाश ग्राउंड फ्लोर की ड्राइंग रूम में पड़ी थी. खून फर्श पर फैल चुका था.
बेंगलुरु के पॉश इलाके एचएसआर लेआउट की 14वीं क्रॉस रोड में रविवार की शाम. सूरज ढल चुका था, और सड़कों पर हल्की चहल-पहल थी.
लेकिन ओम प्रकाश के तीन मंजिला आलीशान बंगले में सन्नाटा पसरा था.
एक ऐसा सन्नाटा, जो खून की चीखों को दबाए हुए था. 68 वर्षीय रिटायर्ड डीजीपी ओम प्रकाश, जिन्होंने कभी कर्नाटक पुलिस की कमान संभाली थी, अब अपनी ही ड्राइंग रूम में खून से लथपथ पड़े थे. उनके पेट और सीने पर चाकू के दर्जनभर घाव थे, और पास ही एक रसोई का चाकू खून में सना हुआ था.
यह नजारा किसी क्रूर साजिश की कहानी कह रहा था
–शाम करीब 4:30 बजे, बेंगलुरु पुलिस कंट्रोल रूम में एक कॉल आया. घटना की जानकारी दी गई. पुलिस की होयसला गाड़ी तुरंत 14वीं क्रॉस की ओर दौड़ी.
लेकिन जब पुलिस उनके घर पहुंची, तो दरवाजा बंद था. पल्लवी और उनकी बेटी कृति अंदर थीं, लेकिन दरवाजा खोलने को तैयार नहीं. पुलिस को दरवाजा तोड़ना पड़ा.
घर अंदर का मंजर दिल दहलाने वाला था. ओम प्रकाश की लाश ग्राउंड फ्लोर की ड्राइंग रूम में पड़ी थी.
खून का एक बड़ा गड्ढा फर्श पर फैल चुका था.
पास ही डाइनिंग टेबल पर एक प्लेट में खाना ठंडा हो रहा था, जैसे कोई कहानी अधूरी छूट गई हो.
पुलिस की नजरें पल्लवी और कृति पर टिकीं, जो एक कमरे में बंद थीं.
दोनों को हिरासत में लिया गया, और शुरू हुई एक ऐसी जांच, जिसने पूरे कर्नाटक को हिलाकर रख दिया.
कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश की बेंगलुरु में हत्या कर दी गई.
68 वर्षीय रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी खून से लथपथ मृत पाए गए.
शरीर पर पेट और सीने पर चाकू के कई घाव मिले.
पल्लवी ने पुलिस को फोन कर हत्या की सूचना दी.
हत्या से पहले पल्लवी ने दोस्त को “राक्षस को मार डाला” कहा.
संपत्ति विवाद को हत्या का संभावित मकसद माना जा रहा.
ओम प्रकाश 1981 बैच के आईपीएस, बिहार के चंपारण के मूल निवासी थे.
1981 बैच के आईपीएस अधिकारी ओम प्रकाश बिहार के चंपारण से ताल्लुक रखते थे.
भूविज्ञान में एमएससी की डिग्री हासिल करने वाले ओम प्रकाश ने अपने करियर की शुरुआत बल्लारी जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के तौर पर की थी.
शिमोगा, उत्तर कन्नड़, और चिक्कमगलूर जैसे जिलों में पुलिस अधीक्षक के रूप में उनकी तैनाती रही.
लोकायुक्त, आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी), और अग्निशमन सेवाओं में डीआईजी के रूप में उन्होंने अपनी छाप छोड़ी.
2015 में वे कर्नाटक के डीजीपी बने और 2017 में रिटायर हुए. बेंगलुरु में 2013 के बीजेपी मुख्यालय बम विस्फोट और 2014 के चर्च स्ट्रीट ब्लास्ट की जांच में उनकी भूमिका अहम रही थी.
घर के अंदर का माहौल भी रहस्यमय था. डाइनिंग टेबल पर खाना बरकरार था, जैसे कोई सामान्य दिन अचानक तबाही में बदल गया हो. पल्लवी की शांत मुद्रा, जब वह अपनी मृत पति के पास कुर्सी पर बैठी थी, पुलिस को हैरान कर रही थी. क्या यह मानसिक अस्थिरता थी, या एक सुनियोजित अपराध का हिस्सा?
पुलिस ने ओम प्रकाश के बेटे कार्तिक की शिकायत पर पल्लवी और कृति के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है.