वाराणसी
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वर्तमान सरकार को बनारस और बाबा श्री काशी विश्वनाथ जी से जुड़ी परंपरा का कोई लेना देना नहीं है – अजय राय

 

✍️नवीन तिवारी

वाराणसी :– रंग भरी एकादशी पर बाबा श्री काशी विश्वनाथ जी की पालकी यात्रा को पहले रोकने और फिर मूर्ति को ढंककर यात्रा निकालने की अनुमति देना उसके बाद मंदिर परिसर में दो प्रतिमाएं एक प्राचीन और प्रशासन द्वारा नया प्रतिमा रखे जाने के संदर्भ में वर्तमान सरकार को बनारस और बाबा श्री काशी विश्वनाथ जी से जुड़ी परंपरा का कोई लेना लादना नहीं इन्हे बस इवेंट करना है इसी मुद्दे पर आज लहुराबीर स्तिथि कैंप कार्यालय पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने एक पत्रकार वार्ता किया।

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा की:– रंगभरी एकादशी पर बाबा श्री काशी विश्वनाथ जी की पालकी यात्रा को पहले रोकने और फिर मूर्ति को ढंककर यात्रा निकालने की अनुमति देना यह दर्शाता है कि वर्तमान सरकार को बनारस और बाबा श्री काशी विश्वनाथ जी से जुड़ी परंपरा का कोई लेना देना नहीं है इन्हे बस इवेंट करना है।मंदिर परिसर में प्राचीन प्रतिमा के साथ प्रशासन द्वारा बनाई गई नई प्रतिमा रखना दुर्भाग्यपूर्ण है।गर्भगृह में दो दो प्रतिमा स्थापित हुई।प्राचीन प्रतिमा बगल में रखी गई यह पूर्ण रूप से काशी की परंपरा से खिलवाड़ है।बनारस जिसे दुनिया का सबसे प्राचीन सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शहर माना जाता है । उस बनारस की सनातन काल से लगभग तीन सौ वर्षों से सतत निर्बाध रूप से चली आ रही समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा को खंडित करने का लगातार किए जाते कुत्सित प्रयास मोदी – योगी सरकार द्वारा किया जा रहा है।हिंदुत्व के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा स्वयं सनातन विरोधी है काशी परंपरा से लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है।शासन प्रशासन की मंशा बहुत पहले से ही काशी विश्वनाथ मंदिर को पूर्ण रूप से अपने कब्जे में लेने की है मंदिर का अधिग्रहण हो गया और अब हिंदुओं की परम्परा,रीतियों का भी अधिग्रहण होना शुरू हो गया है।मंदिर सीईओ सुनील वर्मा 2021 में आदेश निकालते है कि प्रतिमा मंदिर में ले आइए कोई आपत्ति नहीं !19.08.24 थाना दशाश्वमेध से आदेश जारी होता है कि पंचबदन प्रतिमा की शोभा यात्रा न निकालिए ताकि शांतिव्यवस्था बनी रहे।

06.03.25 को फिर सीधे 168 की नोटिस महंत परिवार को जारी होता है और नोटिस की भाषा देख लेंगे तो आप आत्मग्लानि से परिपूर्ण हो जायेंगे कि क्या अब तक पालकी में शामिल होने वाले अराजक तत्व थे जिससे शांति व्यवस्था भंग हो रही थी।इस नोटिस में यह भी लिखा गया कि पूर्व महंत कुलपति तिवारी जी की मृत्यु के बाद किसी भी बाहरी प्रतिमा को मंदिर में ले जाने पर रोक है !लेकिन प्रतिमा को मंदिर में लाने से रोके जाने की मंशा बहुत पुरानी है और हर वर्ष किसी न किसी मौके पर कोशिश होती रही है।काशी की जनता की धार्मिक भावनाएं को चूर चूर करते हुए गर्भगृह में दो दो प्रतिमा स्थापित हुई।प्राचीन प्रतिमा वही बगल में रखी गई।यहां के स्थानीय सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी,मुख्यमंत्री , व भाजपा के सभी स्थानीय जनप्रतिनिधि मौन दिखे किसी ने जवाब नहीं दिया।प्रधानमंत्री जी जवाब दीजिए आपके संसदीय क्षेत्र में आपके सरकार का सनातन विरोधी आचरण आखिर क्या साबित करना चाहता है ? हम काशीवासी यहां के स्थानीय सांसद महोदय से इस प्रकरण पर जवाब चाहते है।भाजपा की सरकार काशी की सभ्यता ,संस्कृति ,आस्था ,परंपरा को खत्म करने में तुली हुई है पर याद रहे है हम काशीवासी भाजपा के सनातन विरोधी मंसूबों को सफल होने नहीं देंगे काशी की परम्परा हम काशीवासियों की पहचान है।हम काशीवासी काशी के अस्मिता ,आस्था ,संस्कृति को बचाने की लड़ाई लड़ते रहेंगे।समस्त प्रदेश वासियों को होली की शुभकामनाएं सबके जीवन में खुशियां,एकता , सदभाव,भाईचारा का रंग हो हम यही कामना बाबा विश्वनाथ जी से करते है।

पत्रकार वार्ता में :– प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ,जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल ,महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ,प्रमोद पांडेय,फ़साहत हुसैन बाबू,दुर्गाप्रसाद गुप्ता,वकील अंसारी,राजीव राम,अनुभव राय,चंचल शर्मा, रोहित दुबे,आशिष गुप्ता, विकास कौण्डिल्य, मो उज्जैर, सुभम सिंह,समेत कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।।

 

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