
✍️ दिव्य अग्रवाल (लेखक व विचारक)
समूचा विश्व देख रहा है की सनातनी हिन्दू समाज को किस प्रकार इस्लामिक मजहबियों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है यह अमानवीय कृत्य पिछले १४०० वर्ष से होता आया है लेकिन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से यह सत्यता अब उजागर हो रही है । बहुत सारे धर्मगुरु और राजनेता इस पीड़ा को अपने अपने शब्दों में व्यक्त कर रहें हैं जनसत्तादल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष,कुंडा विधायक राजा भैया उनमे से एक हैं जो बांग्लादेश की भयावह स्थिति को देखते हुए भारत के हिन्दुओ के लिए भी अपनी चिंता निरंतर व्यक्त कर रहे हैं। दुनिया का सबसे कठिन कार्य हिन्दुओ को अपने धर्म के प्रति जाग्रत करना है राजा भैया के इस कथन में एक सामान्य हिन्दू की गहरी पीड़ा है वेदना है। हो भी क्यों न, जिन्होंने मानवता का वीभत्स नरसंघार किया उन हमास आतंकियों / नरपिसाचो तक का समर्थन इस्लाम के नाम विश्व के सभी मुसलमानो ने किया इतना ही नहीं जय फिलिस्तीन के नारे भारतीय संसद में मुस्लिम सांसदों ने लगा दिए, हिन्दू समाज के स्वघोषित बुद्धिजीवियों ने कहा की फिलिस्तीन के साथ अनुचित हो रहा है पर जब बांग्लादेश में निरपराध हिन्दुओ के बच्चो को लाठियों से पीट पीट कर मारा जा रहा है, बहन बेटियों के साथ सामूहिक बलात्कार हो रहा है और तब तक हो रहा है जब तक उनकी मृत्यु न हो जाए,बांग्लादेश की प्रत्येक आपदा में सेवा करने वाले इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष चिन्मय दास जी को प्रताड़ित किया जा रहा है तो भारत के उन्ही हिन्दुओ के मुँह में दही जम गयी है। भारतीय राजनीति में कोई ऐसा विपक्षी नेता नहीं जो संसद से, विधानसभा से, बांग्लादेश के हिन्दुओ की आवाज पटल पर रख सके। ऐसा भी क्या भाईचारा, ऐसा भी क्या राजनितिक तुष्टिकरण जो अपनी उन बहन बेटियों की पीड़ा को भी नजरअंदाज कर दें जिनकी दुर्गति का एक मात्र कारण उनका हिन्दू होना है। शायद राजा भैया इसी पीड़ा को अतःकरण में धारण कर बागेश्वर धाम के अधिष्ठाता श्री धीरेन्द शास्त्री जी की हिन्दू एकता पद यात्रा में सम्मिलित हुए होंगे। इस्कॉन मंदिर के अनुयायी पुरे विश्व में है आज उन सबको एक होकर हिन्दू रक्षार्थ में कार्य करने होंगे,कहाँ है हमारे नागा साधू,कहाँ है वो महामंडलेश्वर जो शाही सवारियों से कुम्भ करने जाते हैं। यदि कुम्भ आयोजित करने वाले सभी साधू संत सनातन धर्म रक्षार्थ एकत्रित होकर बांग्लादेश की मजहबी कटटरपंथी सरकार के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तभी भविष्य में भारत का कुम्भ कर पाएंगे अन्यथा निश्चित जो हाल आज बंगलादेश का है वही हाल कल भारत का होगा क्यूंकि भारतीय कठमुल्ले तो इस प्रतीक्षा में हैं की कब तख्ता पलट हो और कब गजवा ऐ हिन्द हो ।