उत्तर प्रदेश

पत्नी के शव के लिए ने मांगी मदद,नहीं मिली तो 50 किमी ठेले से लेकर पहुंचा बुजुर्ग पति –

 

म‌ऊ:– माता-पिता अपने बच्चों के लिए जी-जान लगा देते हैं। खूब मेहनत करते हैं और बच्चों को किसी तरह की परेशानी नहीं उठाने देते और उनकी हर ख्वाहिश पूरी करते हैं।बच्चों की हर जिद पूरी करते हैं,लेकिन जब बच्चे बड़े होते हैं तो अक्सर कुछ बच्चे ये सब भूल जाते हैं कि उनके माता-पिता ने उनके लिए क्या-क्या किया।माता-पिता अपना फर्ज अच्छे से निभाते हैं,लेकिन बच्चे बूढ़े माता-पिता का ख्याल रखने का अपना फर्ज भूल जाते हैं।ऐसा ही कुछ उत्तर प्रदेश के मऊ जिले से सामने आया है,जहां बुजुर्ग अपनी पत्नी के शव को ठेले पर रखकर बलिया के नगरा से 50 किलोमीटर दूर रघौली तक लेकर पहुंचा।

मिली जानकारी के अनुसार दादनपुर अहिरौली निवासी गुलाबचंद्र (60) मजदूरी कर पत्नी चंद्रमी देवी(55) का डॉक्टर से उपचार करा रहा था। इस बीच कुछ लोगों ने उसे झाड़फूंक भी कराने के लिए कहा। पत्नी के स्वस्थ होने की आस में वह शनिवार को बलिया के नगरा पहुंचा था। इस बीच शाम सात बजे उसकी पत्नी की मौत हो गई। उसने कोशिश की वह शव को किसी वाहन से घोसी ले जा सके, लेकिन उसके पास रुपये न होने पर उसने पहले लोगों से मदद की मांगी, लेकिन मदद नहीं मिलने पर वह ठेले से शनिवार की रात 12 बजे पत्नी के शव को उस पर रखकर घोसी के लिए निकल गया। रविवार की सुबह वह 11 बजे जब घोसी कोतवाली क्षेत्र के रघौली के करीब पहुंचा था। घोसी पुलिस को इसकी सूचना मिली,जिस पर पहुंची पुलिस ने जब गुलाबचंद्र से जानकारी ली तो उन्हें वाकया पता चला।घोसी कोतवाल राजकुमार सिंह ने बुजुर्ग को आर्थिक सहयोग देने को कहा। इसके बाद सबने दाह संस्कार के लिए गुलाब चंद को 1700 रुपये दिए और चंदे की व्यवस्था करवाई। रविवार को दोहरीघाट मुक्तिधाम में दाह संस्कार कराया गया।

गुलाबचंद्र ने बताया कि उनकी चार संतान है,लेकिन वह इस बुढ़ापे में हमसे अलग रहते हैं। वह मजदूरी करके अपना और अपनी पत्नी का भरण पोषण करते हुए बीमार पत्नी का उपचार करा रहा था। चिकित्सकों से इलाज कराने के दौरान उसे एक ने झाड़ फृूंक से बीमार पत्नी के ठीक होने के बात सुनकर वह एक आस में नगरा पहुंचा था। लेकिन किस्मत ने उसके साथ धोखा दे दिया।

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