आभा आईडी बनेगी मरीजों की सुरक्षा कवच
एक क्लिक में मिलेगी मेडिकल हिस्ट्री आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर बना रहीं आभा आईडी

आभा आईडी बनेगी मरीजों की सुरक्षा कवच
एक क्लिक में मिलेगी मेडिकल हिस्ट्री
आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर बना रहीं आभा आईडी
बांदा, मरीजों को उपचार में किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए शासन के निर्देशन पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आभा (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता) आईडी बनाने का अभियान चल रहा है। आभा आईडी बनाने से जहां एक ओर मरीजों की समस्याएं समाप्त हो जाएंगी वहीं दूसरी ओर चिकित्सकों को उपचार करने में सहूलियत होगी। यह आईडी मरीजों एवं उनके परिजनों के लिए किसी कवच से कम नहीं है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर आभा आईडी बना रही हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी अनिल कुमार श्रीवास्ताव ने मरीजों को बेहतर सुविधा के लिए उनकी आभा आईडी बनाई जा रही है, ताकि उनके इलाज का डेटा सुरक्षित रखा जा सके। इससे मरीज और डॉक्टर दोनों को लाभ होगा। आईडी बनाने के लिए मोबाइल नंबर से आधार का लिंक होना जरूरी है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर मोबाइल से ही मरीजों की आभा आईडी बना रही हैं। मरीज का एक बार ओटीपी आधार नंबर और दूसरी बार ओटीपी मोबाइल नंबर से जनरेट होता है। दोनों ओटीपी डालते ही मरीज की आभा आईडी बन जाती है।
आभा आईडी के लाभ
सीएमओ ने बताया कि आभा आईडी बनने से मरीजो को फाइल लेकर चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। एक क्लिक पर उनकी मेडिकल हिस्ट्री मिल जायेगी। आभा आईडी से इलाज के लिए हर जगह रिपोर्ट या पर्चीयां ले जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, इसके साथ ही इसमें मरीज का ब्लड ग्रुप, बीमारी, दवाई और चिकित्सक से संबंधित सभी जानकारी मौजूद रहेगी। अब मरीज अपना मेडिकल रिकार्ड, लैब रिपोर्ट और डायग्नोसिस दिखा सकेंगे। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन इलाज, टैली मेडिसिन, निजी चिकित्सक, ई-फार्मेसी व पर्सनल हेल्थ रिकार्ड अब आसानी से मिल जाएंगे।