लखनऊ

69000 सहायक शिक्षक भर्ती अभ्यार्थियों ने शासन को ई मेल भेजकर प्रकरण की जानकारी दी –

लखनऊ:–  69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले को लेकर आज आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा एवं स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद को ईमेल के माध्यम से तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ओएसडी श्रवण बघेल को आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने व्हाट्सएप के माध्यम से अवगत कराया है कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है तथा आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी वर्ष 2020 से न्याय पाने के लिए हाईकोर्ट में लड़ रहे हैं लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है ।

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा एवं स्कूली बेसिक शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद तथा मुख्यमंत्री के ओएसडी श्रवण बघेल को भेजे गए ईमेल एवं व्हाट्सएप के माध्यम से अवगत कराया है कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है तथा इस भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का घोर उल्लंघन किया गया है तथा लखनऊ हाई कोर्ट सिंगल बेंच 13 मार्च 2023 को आदेश दे चुकी है कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की 1 जून 2020 को प्रकाशित लिस्ट को दोबारा से बनाई जाए जिसमें अभ्यार्थियों के गुणांक, कैटागिरी, सब कैटिगरी आदि को दर्शाया जाए तथा इस भर्ती की यह पूरी लिस्ट 3 महीने के अंदर बनाकर जारी की जाए लेकिन आज 6 महीने से अधिक का समय बीत गया हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद यह लिस्ट अभी तक नहीं बनाई गई है यह कहीं ना कहीं हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन हो रहा है ऐसे में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी बहुत परेशान है और वह कोर्ट में यांची बनकर अपने न्याय के लिए लड़ रहे हैं लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा ।

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने भेजे गए ईमेल एवं व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि जितने भी आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी लखनऊ हाईकोर्ट डबल बेंच में याचिका संख्या 172/2023 महेंद्र पाल बनाम उत्तर प्रदेश सरकार केस के तहत याची बनकर न्याय पाने के लिए कोर्ट में लड़ रहे हैं उन सभी आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को याची लाभ देकर इस मामले का निस्तारण कर दिया जाए।

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी इससे पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक एवं केशव प्रसाद मौर्य सहित बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह को भी भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले के संबंध में अवगत करा चुके हैं ।

पिछला दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप एवं प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह का कहना है कि जब तक उत्तर प्रदेश सरकार इस भर्ती में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को कोर्ट से याचिका संख्या 172/2023 महेंद्र पाल बनाम उत्तर प्रदेश सरकार केस के तहत राहत नहीं दे देती तब तक सुप्रीम कोर्ट से उत्तर कुंजी मैटर पर एक अंक का याची लाभ प्राप्त कर आए हुए अभ्यर्थियों का चयन इस भर्ती की अंतिम तृतीय काउंसलिंग की कट ऑफ से उनका चयन नहीं हो सकता और ना ही नई शिक्षक भर्ती का विज्ञापन आ सकता है क्योंकि यह शिक्षक भर्ती सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सम्पन कराई जा रही है और जब तक इस भर्ती मे आरक्षण घोटाले के मामले का निस्तारण पूरी तरह से नहीं होगा तब तक सुप्रीम कोर्ट में इस भर्ती की क्लोजर रिपोर्ट सरकार नहीं लगा सकती ऐसी स्थिति में यदि सरकार नई शिक्षक भर्ती का विज्ञापन निकालती है तो आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी नई शिक्षक भर्ती के विज्ञापन को तुरंत सुप्रीम कोर्ट में चलेंज कर उसे रद्द कराने का प्रयास करेंगे क्योंकि जब तक इस भर्ती में आरक्षण घोटाले का मुद्दा जो पिछले 3 साल से लंबित है इसका निस्तारण नहीं हो जाता तब तक नई शिक्षक भर्ती आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी नहीं आने देंगे ।

इन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी पिछले 3 साल से समय-समय पर लखनऊ में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले को लेकर न्याय के लिए आए दिन मुख्यमंत्री आवास , बेसिक शिक्षा मंत्री का आवास तथा भाजपा कार्यालय एवं विधानसभा का घेराव आदि कर धरना प्रदर्शन करते हैं तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जनता दरबार में तथा बेसिक शिक्षा मंत्री से उनके आवास पर तथा भारतीय जनता पार्टी के समस्त नेताओं एवं बेसिक शिक्षा विभाग के सभी उच्च अधिकारियों से पिछले 3 साल से आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी लगातार मिल रहे है लेकिन इस भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले से पीड़ित आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को सरकार द्वारा कोर्ट में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों के पक्ष में याची लाभ का प्रपोजल पेश करके याची लाभ नहीं दिया जा रहा जिस कारण इस भर्ती में ब्रिज कोर्स का मुद्दा तथा उत्तर कुंजी मुद्दा भी लंबित है और इस आरक्षण घोटाले की वजह से सरकार की साफ स्वच्छ छवि धूमिल हो रही है ऐसी स्थिति में सरकार को चाहिए कि वह लखनऊ हाई कोर्ट डबल बेंच में आगामी 20 नवंबर को होने वाली सुनवाई में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को राहत देने हेतु याची लाभ का प्रपोजल सरकार द्वारा पेश किया जाए ताकि आरक्षण मुद्दे का पूरी तरह से निस्तारण हो जाए ।

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