हर घर जल कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के 2.32 करोड़ घरों में पहुँचा पेयजल

बाॅदा प्रदेश सरकार प्रत्येक परिवार को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कई कार्यक्रम संचालित किये, किन्तु वर्तमान सरकार द्वारा संचालित हर घर जल कार्यक्रम सबसे सफल कार्यक्रम रहा। भारत सरकार द्वारा पूर्व में संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना को वर्ष 2019-2020 में समाहित करते हुये जल जीवन मिशन प्रारम्भ किया गया है। प्रदेश में पूर्व में विश्व बैंक सहायतित 14 जनपदों में नीर निर्मल परियोजना भी चलायी गयी। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप द्वारा पेयजल की आपूर्ति हेतु राज्य ग्रामीण पेजयल कार्यक्रम भी संचालित किया गया है। भारत सरकार द्वारा संचालित जल जीवन मिशन के अन्तर्गत वर्ष 2024 तक पाइप पेयजल योजना द्वारा ष्हर घर जलष् उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति हेतु केन्द्र सहायतित जल जीवन मिशन का संचालन केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा 45रू45 प्रतिशत तथा सामुदायिक अंशदान द्वारा 10 प्रतिशत वित्त पोषण के आधार पर किया जा रहा है। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत हर घर को जल उपलब्ध कराया जाना है। इस संबंध में भारत सरकार द्वारा निर्गत गाइडलाइन्स के क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये। जिसके तहत पाइपलाइन से घरों को नल से स्वच्छ पेयजल दिया जा रहा है।
प्रदेश की समस्त बस्तियों को मानक के अनुसार 40 ली० प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के आधार पर पेयजल सुविधा हैण्डपम्प पाइप योजना के माध्यम से उपलब्ध कराई जा चुकी है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 28,95,361 हैण्डपम्प अधिष्ठापित है। प्रदेश में वर्तमान में लगभग प्रत्येक 58 व्यक्ति पर एक हैण्डपम्प स्थापित किया गया है। इस प्रकार पेयजल की न्यूनतम आवश्यकता 40 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मानक की दृष्टि से प्रदेश की सम्पूर्ण ग्राम/बस्तियों को संतृप्त किया जा चुका है।
जल जीवन मिशन ’’हर घर जल’’ कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति हेतु केन्द्र सहायतित राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम का संचालन केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा 50ः50 प्रतिशत वित्त पोषण के आधार पर किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत ‘‘हर घर को नल से जल’’ उपलब्ध कराया जाना है। भारत सरकार द्वारा प्रदेश के समस्त अनाच्छादित बस्तियों को पाइप पेयजल योजनाओं से वर्ष 2024 तक आच्छादित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश में कुल 2.6689 करोड़ घरों को वर्ष 2024 तक शुद्ध पाइप पेयजल से अच्छादित किया जाना लक्षित है। अगस्त 2019 तक प्रदेश में मात्र 05.16 लाख (1.94ः) एफ०एच०टी०सी० के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप पेयजल उपलब्ध कराया जा सका था। प्रदेश में नवम्बर, 2024 तक लगभग 2.315 करोड (86.72) एफ०एच०टी०सी० के माध्यम से ग्रामीण आबादी को पाइप पेयजल योजना से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा चुका है तथा अवशेष लगभग 35.39 लाख घरों में एफ.एच.टी. सी. का कार्य वर्ष 2025 तक पूर्ण किया जा रहा है।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 41 सतही स्रोत जल आधारित एवं 423 भूजल आधारित पाइप पेयजल परियोजनाओं के माध्यम से कुल 4470 राजस्व ग्रामों में 14,27,078 घरों में एफ0एच0टी0सी0 के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति किया जाना लक्षित है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में अद्यतन 14,10061 एफ0एच०टी०सी० उपलब्ध कराया जा चुका है। विन्ध्य क्षेत्र में 21 सतही स्रोत जल परियोजनाओं एवं 140 भूजल आधारित परियोजनाओं के माध्यम से 3307 राजस्व ग्रामों में 669165 एफ०एच०टी०सी० के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति किया जाना है। जिसके सापेक्ष नवम्बर, 2024 तक 6,01,629 एफ0एच०टी०सी० उपलब्ध कराया जा चुका है।
प्रदेश के अन्य जनपदों हेतु निविदा के माध्यम से 33 कार्यदायी फर्मों को सूचीबद्ध करते हुए समस्त राजस्व ग्रामों में कार्य आवंटित किया गया है प्रदेश के गुणता प्रभावित जनपदों आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, बलिया, उन्नाव, प्रयागराज एवं चन्दौली के 6439 राजस्व ग्रामों में 14 सतही स्त्रोत आधारित योजनाओं का कार्य
चयनित फर्मों द्वारा किया जा रहा है।