हमारे जीवन की तीन स्थितियां होती हैं- प्रवृत्ति, विकृति और संस्कृति… संस्कृति का एक बेहतरीन उदाहरण डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान ने प्रस्तुत किया है –

सीएम योगी ने कहा कि जब रिकवरी न हो उसको बहुत सी परिभाषाएं दे दी जाती हैं।कहा जाता है कि इंफेक्शन हो गया। असल में सबसे बड़ा इंफेक्शन तो व्यवहार का है।सबसे पहले इस व्यवहार के इंफेक्शन को ठीक करने की जरूरत है। सीएम ने कहा कि यदि मरीज या तीमारदार गुस्से में आपको कुछ बोले तो आप नाराज न हों।मरीज-तीमारदार की प्रतिक्रिया को बीमारी का हिस्सा माने।डॉक्टरों को अच्छे व्यवहार के टिप्स देते हुए सीएम ने जनता दर्शन का एक राज भी खोला। साथ ही नेपाल के वर्तमान हालात का भी जिक्र किया।
सीएम योगी ने कहा कि जनता दर्शन कार्यक्रम में पब्लिक आती है।सामने उनका तमतमाया हुआ चेहरा देखकर यदि हम सोचने लग जाएंगे तो उन्हें फेस नहीं कर पाएंगे। इसीलिए उनका चेहरा तमतमाया हुआ न दिखाई दे इसलिए हम उन्हें चेयर पर बिठाते हैं और फिर उनके सामने खड़े होकर जाते हैं एक तरफ से और कहते हैं कि बताइए आप। सीएम ने कहा कि लोकतंत्र में उनका अधिकार है,जनता जनार्दन है,हम एप्लीकेशन लेते हैं,वो बहुत कुछ बोलते हैं।जब हम जवाब नहीं देते तो दो मिनट के अंदर वे बोलते हैं कि गलती हुई है। हम उन्हें बताते हैं कि आपकी समस्या का समाधान होगा।
सीएम योगी ने कहा कि आपके पास जो पेशेंट आएगा वो वास्तव में पीड़ित होता है,लेकिन मेरे पास जो पेशेंट आएगा वो जरूरी नहीं कि पीड़ित ही होगा।पंचायत चुनाव करीब होने के चलते आ रही शिकायतों का उल्लेख करते हुए सीएम ने कहा कि ऐसे में पूछना पड़ता है कि आप चार साल से क्या कर रहे थे।
सीएम योगी ने नेपाल का उदाहरण भी दिया।सीएम ने कहा कि हमारे लिए महत्वपूर्ण होता है कि हम पब्लिक के सेंटिमेंट को कैसे जीत सकते हैं,लेकिन अक्सर हम इन चीजों पर ध्यान नहीं देते। सीएम ने कहा कि आपने देखा होगा कि नेपाल में क्या हुआ,लोगों ने इग्नोर किया,परिणाम क्या हुआ।ये दृश्य कहीं और न हो उसके लिए छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना होगा,जो जिस फील्ड में है। हर व्यक्ति को अपने-अपने क्षेत्र में सतर्क रहते हुए अपने कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना होगा।