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सुप्रीम कोर्ट में बोली योगी सरकार,खूंखार अपराधी है मुख्‍तार,जवाब सुनते ही अंसारी ने कोर्ट से कहा- समय दे दें –

दिल्ली:– सुप्रीम कोर्ट में जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह माफिया मुख्‍तार अंसारी की याचिका पर सुनवाई के दौरान योगी सरकार ने कहा क‍ि वह एक खूंखार अपराधी है और उसके ख‍िलाफ इतने सारे मामले दर्ज है।योगी सरकार ने कहा क‍ि उसने राज्य में आतंक का माहौल पैदा कर दिया था। इस याचिका में गैंगस्टर एक्ट के तहत माफिया मुख्तार अंसारी ने अपनी सजा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

सुप्रीम कोर्ट की ट‍िप्‍पणी के बाद माफिया मुख्तार अंसारी की तरफ से जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय की मांग की गई है।इस मामले में अब कोर्ट दो अप्रैल को सुनवाई करेगा।योगी सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि वह एक कुख्यात अपराधी है।मुख्तार ने राज्य में आतंक का माहौल पैदा कर दिया था।पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा थी।

बताते चलें कि माफिया मुख्तार अंसारी को साल 2003 में जेलर को धमकाने और रिवॉल्वर तानने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सजा सुनाई दी थी।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार को इस मामले में सात साल की सजा सुनाई थी।मुख्तार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

आपको बता दें क‍ि ट्रायल कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को बरी कर दिया था, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को पलट दिया और मुख्तार को दोषी ठहराया और सात साल की जेल की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार को दोषी ठहराने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। मुख्तार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। 21 सितंबर 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने माफिया से नेता बने मुख्तार को एक जेलर को जान से मारने की धमकी देने और उस पर पिस्तौल तानने के आरोप में सात साल जेल की सजा सुनाई थी।

हाईकोर्ट ने मुख्तार को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया था।मामला 2003 का है जब लखनऊ जिला जेल के जेलर एसके अवस्थी ने आलमबाग थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मुख्तार से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश देने पर उन्हें धमकी दी गई थी।अवस्थी ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्तार ने उन पर पिस्तौल तान दी थी और उनके साथ दुर्व्यवहार किया था।हाईकोर्ट ने मुख्तार को दोषी ठहराते हुए कहा था कि उसकी छवि एक खूंखार अपराधी और माफिया डॉन की है, जिसके खिलाफ जघन्य अपराधों के 60 से अधिक मामले दर्ज थे।

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