लखनऊ

साल 2023:ओपी राजभर से दूर रही राजसत्ता,पिटा मोहरा साबित हुए दारा,बृजभूषण समेत ये मामले रहे सुर्खियों में –

लखनऊ:– शासन और सत्ता के लिहाज से देखा जाए तो साल 2023 कई मामलों में सुर्खियों में रहा।साल 2023 सत्ता के गलियारों से लेकर सियासी हल्कों में चर्चित रहा।पाला बदलने और बयानबाजी में माहिर एक दूसरे के साथ शह मात का खेल करते रहे।विपक्ष से सत्तापक्ष में शामिल हुए नेता मंत्री बनने के बढ़चढ़ कर दावे करते रहे,लेकिन उनका हर दावा फुस्स रहा। 

 

*ओपी राजभर से दूर रही राजसत्ता*

 

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर ने इस साल जुलाई महीने में दूसरी बार एनडीए में वापसी कर सियासी सुर्खियां बटोरीं।योगी मंत्रिमंडल मंत्रिमंडल में शामिल होने के मुहूर्त बताते रहे,लेकिन अरमान पूरा नहीं हो सका। 

 

*पिटा मोहरा साबित हुए दारा*

 

पूर्वी उत्तर प्रदेश के नोनिया चौहान समाज को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व ने इस साल समाजवादी पार्टी के विधायक दारा सिंह चौहान को गाजे बाजे के साथ पार्टी में शामिल कराया।दारा को घोसी उपचुनाव में मैदान में उतारा। सरकार और संगठन की पूरी शक्ति के बाद भी दारा का दांव उलटा पड़ गया।ओपी राजभर ने दारा के मंत्री बनने का भी जोर शोर से प्रचार किया,लेकिन बेचारे दारा का इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा।

 

*मायावती ने आकाश को बनाया अपना उत्तराधिकारी*

 

पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के भतीजे आकाश आनंद के लिए साल 2023 मुफीद साबित हुआ।मायावती ने आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी बनाकर सियासी हलकों में बड़ा संदेश दिया।बसपा की सोशल मीडिया पर दमदार उपस्थिति दर्ज कराने का श्रेय भी आकाश आनंद को ही जाता है।

 

*अभिषेक ने की अफसरी से तौबा*

 

अपने बिंदास अंदाज से सुर्खियों में रहने वाले आईएएस अभिषेक सिंह ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया। चर्चा है कि अभिषेक सिंह अब फिल्मों के साथ राजनीति में किस्मत आजमाएंगे।

 

*उलझे बृजभूषण उलझे दांव-पेंच में* 

 

कैसरगंज से भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे।सरकार अमले का कामकाज हो या कुश्ती संघ की राजनीति, हर जगह बृजभूषण ने सुर्खियां बटोरीं।महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों के कारण भी चर्चा में रहे। हाल ही में कुश्ती संघ के चुनाव में बृजभूषण के करीबी की जीत के बाद उनके समर्थकों ने नारा दिया दबदबा तो है। हालांकि केंद्र सरकार ने कुश्ती संघ को ही निलंबित कर दबदबे को चित कर दिया।

 

*बयानबाज स्वामी प्रसाद मौर्य* 

 

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू धर्म, देवी-देवताओं, राम चरित मानस पर टिप्पणियों के जरिए सुर्खियों में रहे। स्वामी प्रसाद मौर्य के बेतुके बयानों से सपा ने भी पल्ला झाड़ लिया, लेकिन टस से मस नहीं हुए। कई जगह स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज हैं।

 

*2023 में नहीं हो सके यह कार्य* 

 

योगी मंत्रिमंडल का विस्तार।

 

उत्तर प्रदेश में नियमित पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति।

 

वैश्विक निवेशक सम्मेलन 2023 का पहला भूमि पूजन।

 

ओबीसी आयोग, एससी आयोग, महिला आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति।

 

*इन्होंने लगाया दाग*

 

सपा विधायक अब्दुल्ला आजम को 15 साल पुराने एक मामले में दो वर्ष दो साल की सजा होने पर उनकी सदस्यता रद्द की गई।

 

आपराधिक मामले में सजा होने पर सोनभद्र की दुद्धी सीट से भाजपा विधायक रामदुलार गोंड की सदस्यता समाप्त हुई। 

 

 

*नए साल में यहां होगी जोर आजमाइश*

 

जनवरी और फरवरी में विधान परिषद में स्नातक एवं शिक्षक क्षेत्र की पांच सीटों पर चुनाव होना है। मार्च में राज्यसभा की 10 सीटों पर चुनाव होना है। अप्रैल और मई विधान परिषद की 13 सीटों पर चुनाव होना है। मार्च और मई के बीच उत्तर प्रदेश लोकसभा की 80 लाटों पर आम चुनाव होना है।

 

 

*ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को सुलझाने में सफल रही सरकार*

 

नगरीय निकाय चुनाव में पिछड़े वर्ग के आरक्षण के मुद्दे पर उच्च न्यायालय से पेंच फंसा। सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आयोग का गठन कर पिछड़े वर्ग के आरक्षण से कोई छेड़छाड़ किए बिना नगरीय निकाय चुनाव कराने में सफलता हासिल की।

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