दिल्ली

शंभू में ढाई घंटे टकराव…किसानों पर दागे गए आंसू गैस-मिर्ची स्प्रे –

 

 

 

दिल्ली:-  दिल्ली कूच अब आठ को एमएसपी लागू करने व अन्य मांगों को लेकर दिल्ली कूच के लिए निकले पंजाब के किसान शुक्रवार को हरियाणा की सीमा में दाखिल नहीं हो पाए। हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर शंभू में हरियाणा पुलिस व अर्द्धसैनिक बलों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।इससे पुलिस व किसानों में टकराव हुआ जो करीब ढाई घंटे चला। इस टकराव में पुलिस को मिर्ची स्प्रे व आंसू गैस के गोले तक दागने पड़े, जिसमें 15 किसान घायल हो गए। 26 साल के एक किसान हरप्रीत सिंह की हालत नाजुक है। हरियाणा पुलिस के छह जवान भी घायल हुए।

इंटरनेट सेवा बंद –

वहीं, बॉर्डर पर बढ़ते तनाव को देखते हुए हरियाणा सरकार ने अंबाला के 11 गांवों में इंटरनेट सेवाओं पर नौ दिसंबर तक रोक लगा दी है। पंजाब सरकार से भी शंभू बॉर्डर से सटे पंजाब के 17 से 18 गांवों में इंटरनेट सेवा बंद करने की सिफारिश की है। पंजाब से सटे बाकी बॉर्डरों पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी है। जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर भारी पुलिसबल तैनात रहा। टिकरी बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने अपने तंबू लगा दिए हैं। दिल्ली पुलिस ने लोहे और कंक्रीट के बैरिकेड्स के साथ-साथ लोहे के बड़े-बड़े कंटेनर भी सड़क किनारे लाकर खड़े कर दिए हैं।

पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले –

इससे पहले, तय कार्यक्रम के तहत 101 आंदोलनकारी किसानों का मरजीवड़ी जत्था दोपहर एक बजे दिल्ली जाने के लिए रवाना हुआ। उन्होंने सबसे पहले पुलिस की तीन स्तरीय सुरक्षा बैरिकेडिंग को तोड़ा और कंटीली तारों, जालियों व कीलें लगी लोहे की शीटों को पुल से घग्गर नदी में फेंक दिया। इसके बाद किसान मुख्य बैरिकेडिंग तक पहुंच गए, जहां पुलिस ने जालियां लगाई थीं। पुलिस की चेतावनी के बावजूद किसान नहीं माने और जालियों को उखाड़ने लगे। इसके बाद पुलिस ने विशेष प्रकार के स्प्रे (मिर्ची स्प्रे) का प्रयोग किया। इस दौरान एक किसान बैरिकेडिंग के ऊपर बनी टिन की छत पर चढ़ गया। उसे पुलिस ने ऊपर जाकर पीछे धकेला। किसान नहीं माने तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दाग भीड़ को तितर बितर किया। इसके बाद किसान फिर आगे आ गए और पुलिस के साथ काफी देर तक बहस करते दिखे। इस पर पुलिस ने एक के बाद एक कई गोले आंसू गैस के दागे।

हालात देख लौटे किसान –

हालात देखते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंधेर जत्थे के पास पहुंचे और किसानों को वापस लेकर गए। इसके बाद उन्होंने दिल्ली कूच को स्थगित कर दिया। पंधेर ने कहा कि शनिवार को पंजाब में भाजपा नेताओं का घेराव किया जाएगा और रविवार को एक बार फिर किसान दिल्ली कूच के लिए निकलेंगे। वहीं, अंबाला रेंज के आईजी सिबाज कविराज ने कहा कि किसानों ने हंगामा कर बैरिकेड्स तोड़े और रास्ता रोकने के लिए पुलिस के बनाए मोर्चे (शेड )को गिराने का भरसक प्रयास कर उत्पात मचाया। उन्होंने कहा कि किसान दिल्ली से प्रशासनिक अनुमति लेकर स्थानीय प्रशासन को दिखाकर दिल्ली कूच करें।

 

हरियाणा पुलिस ने कहा-101 से ज्यादा किसान थे, इनमें उग्र किस्म के लोग भी

आईजी सिबाज कविराज, डीसी पार्थ गुप्ता व पुलिस अधीक्षक अंबाला सुरेंद्र सिंह भोरिया संग मौके पर उपस्थित होकर सभी गतिविधियों पर नजर रखी। पुलिस का कहना है कि किसानों के इस जत्थे में 101 से ज्यादा संख्या में किसान शामिल हुए। इनमें कुछ उग्र किस्म के लोग भी शामिल रहें। उन्होंने बार-बार बैरिकेड्स तोड़कर व पुलिस मोर्चे की जालियों पर चेन व जंजीरें बांधकर मोर्चे को गिराने का भरसक प्रयास किया व मोर्चे पर चढ़कर उत्पात मचाया। इस जत्थे में कोई भी जिम्मेदार किसान नेता दिखाई नहीं दिया।

 

वहीं, गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने कहा कि तनाव, आंदोलन, सार्वजनिक व निजी संपत्ति को नुकसान और सार्वजनिक शांति भंग होने की आशंका है, इसलिए एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है। हरियाणा में पंजाब से सटे बाकी बॉर्डरों पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

 

पुलिस इस बार आक्रामक नहीं….लाउडस्पीकर पर चलाया जाप, ड्रोन से नहीं फेंके आंसू गैस के गोले

इस बार आंदोलनकारी किसानों को शांत करने के लिए पुलिस उतनी आक्रामक नहीं थी जितनी 13 फरवरी के आंदोलन में दिखी थी। इस बार लाउडस्पीकर पर सतनाम वाहे गुरु का जाप चलाया गया, जिससे कि किसान पीछे हट जाएं। मगर यहां किसानों ने ही आरोप लगाया कि जाप लगाकर उन पर गोले दागे जा रहे हैं। हरियाणा पुलिस ने प्रतिनिधिमंडल भेजने पर बातचीत करने का न्यौता दिया गया, लेकिन किसान दिल्ली कूच पर अड़े रहे। आंसू गैस के गोले दागने वाले ड्रोन का भी प्रयोग नहीं किया गया। आंसू गैस के गोले भी काफी सीमित मात्रा में चलाए गए, जबकि पिछली बार किसानों के हर कदम पर सैकड़ों आंसू गैस के गोले दागे जा रहे थे।

पंधेर बोले- केंद्र सरकार का झूठ सामने आया, बातचीत के लिए तैयार हैं –

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसानों के साथ हुए इस जबर से केंद्र सरकार झूठी साबित हो गई है। उसके मंत्री कहते थे कि किसान अपनी मांगों को हल कराने के लिए पैदल दिल्ली आ जाएं। जब वे अपने वादे के अनुसार जा रहे थे तो उनपर जुल्म किया गया। किसान जत्थेबंदियों के दरवाजे अब भी बातचीत के लिए खुले हैं। अगर केंद्र सरकार बातचीत का न्यौता देती है, तो मांगों को हल करने की दिशा में कदम उठाया जा सकता है।

सीएम सैनी बोले-पंजाब के सीएम को किसानों से करनी चाहिए बातचीत

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि आंदोलन में पंजाब के किसान ज्यादा हैं । पंजाब सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से आग्रह है कि वह जाकर किसानों की समस्याएं सुनें और उनका समाधान करें। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री उनकी बात सुनेंगे। हरियाणा का किसान खुश है। उनकी फसलें एमएसपी पर खरीदी जा रही हैं। विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों के मुद्दे पर विपक्ष को राजनीति नहीं करनी चाहिए। किसानों के जो आज हालात हुए हैं, उसके लिए कांग्रेस जिम्मेवार है।

शंभू से संदेश मिलने के बाद खनौरी से बढ़ेंगे : डल्लेवाल

जींद। खनौरी बॉर्डर पर अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि जब शंभू बॉर्डर से उनके पास दिल्ली कूच का संदेश आएगा तभी वह बॉर्डर पार कर दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे नहीं तो यहीं अनशन चलता रहेगा। अगर अनशन के दौरान उनकी मौत हो जाती है तो दूसरा किसान अनशन शुरू करेगा।

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