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विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ व अराजकता फैलाकर परिसर के सौहार्द को बिगाड़ने का कुंठित प्रयास निंदनीय: अभाविप

 

 

 

लखनऊ:- बीते दिनों बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ में विश्वकर्मा पूजा के दिन SFI, AUDSU, बामसेफ यूनियन के के कार्यकर्ताओ द्वारा भगवान विश्वकर्मा की पूजा कर रहे विद्यार्थियों से मारपीट करते हुए अभद्र धार्मिक टिप्पणी करना और भगवान विश्वकर्मा की फोटो फाड़कर विद्यार्थियों द्वारा आयोजित धार्मिक कार्यक्रमों को बाधित करना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है ।

 

विश्वविद्यालय परिसर में इसके पूर्व भी इन्हीं उपद्रवी छात्र संगठनों के द्वारा शांतिपूर्ण आयोजन को बाधित करने का कुंठित प्रयास हुआ है। यह तथाकथित छात्र यही तक नहीं रुके, विश्वविद्याल के प्रशासनिक भवन में तोडफोड़ की, विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ और अराजकता की इस घटना को कई दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक इन उपद्रवी छात्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, यह विश्वविद्यालय प्रशासन व पुलिस प्रशासन पर बड़ा सवाल है।

प्रान्त मंत्री पुष्पेन्द्र वाजपेई ने कहा कि विश्वविद्यालय गुरु शिष्य के मर्यादित सम्बन्ध का एक पवित्र स्थल है जहां संस्कार व अनुशासन के आधार पर विद्यार्थियों के भविष्य का सृजन होता है ऐसे स्थान पर अराजकता , हिंसा व तोड़फोड़ निंदनीय है।

बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर जिन्होंने शिक्षा को देश के विकास का माध्यम माना, भय के आधार पर अशांति फैलाने के प्रयास से जहां एक तरफ परिसर की शिक्षा व्यवस्था बाधित होती है वहीं दूसरी तरफ सामाजिक समानता हेतु जीवन भर संघर्ष करने वाले बाबा साहेब का अपमान किया जा रहा है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस पूरे प्रकरण में सभी अराजक तत्वों पर कठोर कार्यवाही की मांग करती है।

प्रान्त सहमंत्री पुष्पा गौतम ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा सृष्टि के पहले इंजीनियर हैं जिनकी पूजा हजारों साल पहले से होती आई है।

भारतीय संस्कृति और पुराणों में भगवान विश्वकर्मा को यंत्रों का अधिष्ठाता और देवता माना गया है उनका स्मरण करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करने वाले B.Tech के विद्यार्थियों पर क्रूर हमला करने वालों को विश्वविद्यालय से निष्कासित कर कानूनी कार्यवाही करना चाहिए जिससे परिसर में शांतिपूर्ण वातावरण पुनर्स्थापित हो सके।

वि वि इकाई अध्यक्ष अमरप्रीत कौर ने कहा कि यह पूरी घटना परिसर में पढ़ने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को आहत करती है जिस प्रकार से बाहरी गुंडे बुलाकर विश्वविद्यालय के पठन पाठन को बाधित करने का निरन्तर प्रयास किया जा रहा है अब ऐसे सभी उपद्रवियों पर शख्त कार्यवाही की आवश्यकता है जिससे इनके विभाजनकारी मंसूबे नाकामयाब हो सके।

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