विशालतम 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ का भव्य शुभारम्भ ‘अ’ अंकित श्वेत ध्वजारोहण से हुआ –

वाराणसी:– सत्य पर पूर्ण विश्वास ही श्रद्धा है। जो श्रद्धावान है वही ज्ञान की प्राप्ति कर शांति का अनुभव करता है। अध्यात्म ही वह समाधान है जिससे सभी समस्याएं सुलझ जाती हैं। जीवन का सर्वागींण विकास अध्यात्म से ही सम्भव है।
उक्त उद्गार स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक सन्त प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने स्वर्वेद महामन्दिर परिसर उमरहा में चल रहे 25000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के प्रथम दिवस पर उपस्थित अपार श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।
महाराज जी ने कहा कि ईश्वर का महान प्रसाद है मानव जीवन। ईश्वर का रहस्य मानव में निहित है। हम जीवन कहें या सत्य कहें बात एक है। जीवन को ठीक-ठीक जान लिया, इसका अर्थ है हमने परमसत्य का साक्षात कर लिया, क्योंकि जीवन का आधार परमात्मा है, जो आनन्द स्वरूप है।
उन्होंने कहा कि जहां प्रेम है वहीं परमात्मा का वास है। जहां सत्य, श्रद्धा समर्पण, सेवा भाव है वहीं आत्मा का कल्याण और परमात्मा का प्रकाश है।
संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज की दिव्यवाणी स्वर्वेद कथामृत के रूप में लगभग ढाई।