विधिक सेवा दिवस के अवसर पर जागरुकता रैली

बांदा माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद एवं उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार विधिक सेवा दिवस के अवसर पर दीवानी न्यायालय परिसर- बांदा से माननीय जिला जज / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण – बांदा, डा० बब्बू सारंग द्वारा हरी झण्डी दिखाकर विधिक जागरुकता रैली को नगर भ्रमण हेतु रवाना किया गया ।
विधिक सेवा दिवस के अवसर पर विधिक सेवाओं से आमजन को जागरुक किये जाने हेतु विधिक जागरुकता रैली का आयोजन किया गया। सर्व प्रथम माननीय जिला जज अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण – बांदा, डा० बब्बू सारंग द्वारा विधिक जागरुकता रैली को हरी झण्डी दिखाकर नगर भ्रमण हेतु रवाना किया गया। जिसमें मो० कमरुज्जमा खॉन – प्रथम अपर जिला जज, श्रीमती अन्नू सक्सेना, अपर जिला जज (एस.सी./एस.टी.एक्ट), निरन्जन कुमार – अपर जिला जज (डी०ए०ए० एक्ट), छोटेलाल यादव, विशेष न्यायाधीश (ई.सी. एक्ट), गुनेन्द्र प्रकाश, अपर जिला जज (त्वरित), हेमन्त कुमार कुशवाहा, अपर जिला जज (पॉक्सो), श्रीमती पल्लवी प्रकाश, अपर जिला जज ( त्वरित), श्रीमती अन्जू काम्बोज, अपर जिला जज सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, भगवानदास गुप्ता – मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्रीमती गरिमा सिंह, सिविल जज (सी0डि०), सुश्री वरुणा बशिष्ठ –सिविल जज (जू०डि०), सुश्री फरहीन खॉन – अपर सिविल जज (जू०डि०), सुश्री बिन्नी बालियान –सिविल जज (जू०डि० – त्वरित), कौशल किशोर प्रजापति, विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट-बांदा व सत्यवीर विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट-बांदा, रामप्रताप गुप्ता-सदस्य, स्थायी लोक अदालत – बांदा के साथ पराविधिक स्वयं सेवक श्रीमती सुमन शुक्ला, श्रीमती रोहिणी, श्री अरशद खॉन, मुसाब अहमद, श्री देवेन्द्र सिंह, खुर्शीद अनवर, अशोक त्रिपाठी, नदीम अहमद, श्रीमती रुबी जैनब व श्री नासिर अहमद ने प्रतिभाग किया। तदोपरान्त माननीय जिला जज / अध्यक्ष डा० बब्बू सारंग द्वारा जिला विधिक सेवा
प्राधिकरण, जनपद बांदा की पराविधिक स्वयं सेवक श्रीमती सुमन शुक्ला को उनके उत्कृष्ट कार्यो लिये के सम्मानित करते हुए स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया ।
इसी क्रम में विधिक सेवा दिवस के अवसर पर मण्डल कारागार – बांदा में विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता श्रीमती अन्जू काम्बोज, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा द्वारा गयी। श्रीमती अन्जू काम्बोज द्वारा अपने सम्बोधन में कहा कि आर्थिक, सामाजिक व शैक्षिक रुप से कमजोर वर्ग के समुदायों, महिलाओं, पुरुषों एवं अल्पसंख्यकों को प्रायः विधिक जानकारी बहुत कम अथवा बिल्कुल नही होती हैं, विधिक सेवा दिवस पर ऐसे लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जानकारी प्रदान करना, उनको प्राप्त मुफ्त कानूनी सेवाओं के बारे में शिक्षित और जागरुक करना इस दिवस का मुख्य उद्देश्य हैं। प्रत्येक नागरिक के मध्य कानूनी / विधिक जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से ही विधिक सेवा दिवस की स्थापना की गयी थी। यह दिन भारत के नागरिकों को इस बात का एहसास दिलाता हैं कि आपकी पहचान, पृष्ठभूमि चाहें कुछ भी हो, प्रत्येक पात्र व्यक्ति मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार रखता हैं। ऐसे प्रत्येक नागरिक को राहत प्रदान करने के लिऐ माननीय सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम पारित किया गया था। विधिक सेवा दिवस का उद्देश्य विधिक मामलों के बारे में आम जनता में जागरुकता फैलाना, समाज के कमजोर वर्ग को मुफ्त विधिक सहायता प्रदान करना, अपराध से पीड़ितों को क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराना, वैकल्पिक विवाद समाधान एवं सुलह के आधार पर मामलों के निपटान सुनिश्चित करना, लोक अदालतों के माध्यम से विवादों का निपटान करना आदि हैं। यह समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कानूनी सुरक्षा और प्राविधानों का वादा करता हैं, इससे विवादों के निपटारें में सहायता मिलती हैं।
शिविर में रामप्रताप गुप्ता, सदस्य- स्थायी लोक अदालत, बांदा, मूलचन्द्र कुशवाहा, चीफ-लीगल डिफेन्स काउन्सिल, विकान्त सिंह, डिप्टी चीफ-लीगल डिफेन्स काउन्सिल, अनुराग तिवारी, सहायक- लीगल डिफेन्स काउन्सिल तथा पराविधिक स्वयं सेवक श्रीमती सुमन शुक्ला द्वारा भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये गयें।
योगेश कुमार, प्रभारी जेल अधीक्षक / जेलर, कारागार – बांदा द्वारा सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया। शिविर में राशिद अहमद अन्सारी- डी.ई.ओ. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण-बांदा, महेन्द्र सिंह- उपजेलर एवं नरेन्द्र कुमार – उपजेलर उपस्थित रहें।