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विद्यार्थियों के विकास हेतु औद्योगिक एवं शैक्षणिक संस्थानों को एक साथ करना होगा काम : प्रो. ए.के. त्यागी –

 

 

वाराणसी:- महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ एवं शिक्षुता प्रशिक्षण बोर्ड उत्तरी क्षेत्र कानपुर के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को इंडस्ट्री इंस्टीट्यूट मीट का आयोजन किया गया। इस मौके पर काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी ने कहा कि विद्यार्थियों के विकास एवं राष्ट्रीय जरूरतों को पूरा करने हेतु औद्योगिक एवं शैक्षणिक संस्थानों को एक साथ काम करना होगा। साथ ही उन्होंने शासन की नीतियों को क्रियान्वित करने की प्रतिबद्धता पर बल दिया। 

मुख्य अतिथि गोविंद जायसवाल, संयुक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा को रोजगार से जोड़ने पर बल दिया गया है, विद्यार्थियों में कौशल विकास महत्वपूर्ण मुद्दा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में अप्रेंटिसशिप एम्बेडेड डिग्री प्रोग्राम पर बल दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय और औद्योगिक संस्थान मिलकर अपनी सुविधानुसार इसे लागू करने में सहयोग प्रदान करें। 

विशिष्ट अतिथि प्रो. डी.एस. चौहान, प्रो वाइस चांसलर, जी.एल.ए. यूनिवर्सिटी एवं पूर्व कुलपति अब्दुल कलाम तकनीकि विश्वविद्यालय ने कहा कि यह कार्यशाला केवल एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि ज्ञान और कौशल के संगम का वह सेतु है, जो शिक्षा और उद्योग के बीच तालमेल स्थापित कर हमारी भावी पीढ़ियों को नई दिशा देने वाला है। उद्योग जगत की आवश्यकताओं और शैक्षणिक संस्थानों की प्रतिभा को जोड़ने का यह प्रयास न केवल विद्यार्थियों को रोजगारपरक शिक्षा देगा, बल्कि देश की आर्थिक प्रगति और सामाजिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।

विवेक कुमार डायरेक्टर, शिक्षुता प्रशिक्षण बोर्ड उत्तरी क्षेत्र, कानपुर ने राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं अप्रेंटिसशिप एम्बेडेड डिग्री प्रोग्राम पर चर्चा करते हुए बताया कि पांच साल के अन्दर उत्तीर्ण स्नातक इस योजना में पंजीकृत होकर विभिन्न संस्थानों से अप्रेंटिस कर सकते हैं। अप्रेंटिस की अवधि में बारह हजार तीन सौ रुपए प्रति माह का भुगतान किया जाएगा। 

स्वागत काशी विद्यापीठ के शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के नोडल अधिकारी प्रो रमाकान्त सिंह एवं धन्यवाद शिक्षुता प्रशिक्षण बोर्ड के सहायक निदेशक नवीन पाठक ने किया। इस अवसर पर प्रमुख औद्योगिक संस्थान जैसे- हिंडाल्को, इंडोरामा, हॉकिन्स, इस्को, भेल, बी.एल.डब्लू. इत्यादि एवं शैक्षणिक संस्थान जैसे सिद्धार्थ नगर विश्वविद्यालय, मदन मोहन मालवीय तकनीकि विश्वविद्यालय गोरखपुर, घनश्याम बिनानी एकेडमी ऑफ मैनेजमैंट साइंस मिर्जापुर, बसंता कॉलेज ऑफ विमेन राजघाट, उदय प्रताप महाविद्यालय के प्रतिनिधियों के साथ दो सौ से अधिक प्रतिभागी उपस्थित रहे।

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