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लखनऊ विश्वविद्यालय अभाविप के संस्थापक सदस्य एवं प्रथम अध्यक्ष प्रो यशवंत राव केलकर जन्म शताब्दी वर्ष के उपकक्ष में संगोष्ठी का आयोजन –

 

लखनऊ:- IET कॉलेज राम प्रसाद बिस्मिल सभागार में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं IET कॉलेज,लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में महान गणितज्ञ प्रो०यशवंत राव केलकर जन्म शताब्दी वर्ष के उपकक्ष में युवा, नवोन्मेष, और राष्ट्र निर्माण प्रो० लायशवंत राव केलकर के दृष्टिकोण से प्रेरणाएं विषयक संगोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उच्च न्यायालय लखनऊ, के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं महाअभिकर्ता सूर्यभान पांडेय,मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्र धर्म पत्रिका के निदेशक व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय सह प्रचार प्रमुख मनोजकांत व विशिष्ट अतिथि के रूप में निबंधक रेलवे क्लेसम ट्रिब्यूनल लखनऊ सिद्धार्थ वर्मा व दूसरे विशिष्ट अतिथि के रूप में अधिवक्ता उच्च न्यायालय लखनऊ, अवधेश सिंह कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे IET कॉलेज जानकीपुरम लखनऊ के डायरेक्टर प्रो० विनीत कंसल उपस्थित अतिथियों ने एक साथ ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती एवं युवाओं के प्रेरणाश्रोत स्वामी विवेकानंद के चित्र के सम्मुख पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

 मुख्य वक्ता के रूप युवाओं को संबोधित करते हुए मनोजकांत ने कहायुवा,नवोन्मेष और राष्ट्र निर्माण पर अपने संबोधन में कहा कि युवा वही है जो राष्ट्र ने निर्माण की क्षमता रखता है और बिना विपरीत परिस्थिति के भय और चिंता के या विचार किए बिना लक्ष्य को प्राप्त करने की, सही मायने में युवा वही है जो व्यवस्थाओं में परिवर्तन करने पर विचार कर उसको प्रबलता प्रदान करता है,युवा वही है जो भय और बाधा को मुख मोड़ देने का साहस रखता हो ।नवाचार की संस्कृति एक ऐसे संगठनात्मक वातावरण को संदर्भित करती है जो रचनात्मक सोच, प्रयोग और नए समाधानों के विकास को प्रोत्साहित और पोषित करता है। यह एक ऐसी मानसिकता है जो किसी संगठन के सभी स्तरों में व्याप्त होती है, जो सोच-समझकर जोखिम उठाने, असफलताओं से सीखने और निरंतर सुधार की इच्छा को बढ़ावा देती है।

मुख्य अतिथि सूर्यभान पांडेय ने कहा कि प्रो० यशवंत राव केलकर ऐसे प्राध्यापक थे जिन्होंने हमारी भारतीय संस्कृति में एकात्म मानव दर्शन का सिद्धांत अहम महत्व कहा है। इस सिद्धांत को जिस महानुभाव व्यक्ति ने समाज के सामने लाया उस व्यक्ति का नाम था पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी। इस एकात्म मानव दर्शन का मुख्य सूत्र है व्यक्ति को जैसा शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा होता है वैसे ही संगठन का भी शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा होता है। इस सूत्र को ध्यान में रखते हुए विचार किया तो एक अर्थ से स्व. यशवंतराव केलकर जी का शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा एवम् विद्यार्थी परिषद का शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा एक ही था और है। आज भले ही यशवंत राव केलकर जी जीवित रूप में नहीं हैं लेकिन उनके समर्पित जीवन को आदर्श मानते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जो उनके ही सिद्धांतों पर चल रही है। विद्यार्थी परिषद यानि यशवंतराव केलकर और यशवंत राव केलकर यानि विद्यार्थी परिषद ऐसा संबंध निर्माण होना ये एक अर्थ से एकात्म मानव दर्शन का प्रत्यक्ष उदाहरण है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे IET कॉलेज,जानकीपुरम लखनऊ,के डायरेक्टर प्रो० विनीत कंसल ने अपने उद्बोधन में कहा कि वास्तविक रूप में युवा वही है जो चरित्रवान हो

विशिष्ट अतिथि सिद्धार्थ वर्मा ने कहा कियुवा वही है जिसमें समाज का रिश्तेदार का सकारात्मक प्रभाव हो वही सही मायने में भारत का प्रगतिशील युवा है,संसाधन के अभाव को बिना महसूस की अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहे वही युवा है। युवा है तो समाज की कांति है।राष्ट्र निर्माण की जब हम बात करते हैं तो वस्तुतः हम उसे भारत के परिप्रेक्ष्य में लेते हैं। मैं भी इसी को आधार मानकर अपनी बात रख रहा हूँ।

परम्परागत और अधिकांशतः हर माँ की पहचान उसके वरिष्ठ पुत्र व होनहार बालक से होती है। भारत माता की भी पहचान उसके एक होनहार बालक भरत के नाम से है। इसी से हमारे राष्ट्र का नाम भारत है। संविधान में भी इस राष्ट्र को भारत कहकर सन्दर्भित किया गया है। आमतौर पर हम इसे हिन्दुस्तान भी कहते हैं। यह हिमालय से सागर तक फैला हुआ है। हिमालय का “हि” व इन्दु अर्थात दक्षिणी सागर को जोड़कर हिन्दु शब्द बना है जो केवल हिमालय से सागर तक फैले क्षेत्र में बसी सभ्यता को इंगित करता है। अतः इस पूरे क्षेत्र में रहने वाले हिन्दु सभ्यता धारक हैं चाहे वह किसी धर्म, सम्प्रदाय या अन्य किसी क्षेत्र से क्यों न आये हों। यह है हमारे राष्ट्र, हमारी माँ भारती का स्वरूप। कार्यक्रम में आगंतुक अतिथियों का स्वागत लखनऊ महानगर की उपाध्यक्ष डॉ० यशदीप कौर ,आभार ज्ञापन महानगर सह मंत्री अतिशय जैन एवं संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन कविता वर्मा ने किया।

कार्यक्रम में अभाविप अवध प्रांत की उपाध्यक्ष प्रो० मंजुला उपाध्याय,अवध प्रांत के शोध कार्य प्रमुख डॉ०जितेंद्र शुक्ला,प्रदेश मंत्री पुष्पेंद्र बाजपेई, विकास तिवारी,अमर प्रीत कौर,पुष्पा गौतम,सृष्टि सिंह,लक्ष्मी पांडेय,अदिति पाल,अभिषेक सिंह,अंकुर अवस्थी,श्रेयश मिश्रा,मुस्कान मिश्रा,अभय,अनुराग,रिशु चतुर्वेदी,सहित तमाम छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।

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