लखनऊ में पहली बार हसन मिर्जा सहाब ने 1774 में 21 रमज़ान के जुलूस का आगाज़ किया था –

✍️रवि शर्मा –
1445 हिजरी
लखनऊ :- 21 रमज़ान हज़रत अली की शहादत का दिन मुसलमान के दिल है गमज़दा –
21 रमज़ान बेहद गम का दिन है आज के दिन मुसलमानों के चौथे शियो के पहले *इमाम हज़रत अली अलैहिस्सलाम* दुनियां से रूकसद हुए थे।
21 रमज़ान का जुलूस न्यू नजफ रुस्तम नगर से हर साल की तरह इस साल भी बरामत हुआ
लाखों की तादात में लोगो ने शिरकत की लखनऊ शहर के अलावा दूसरे शहरों से लोग आते है शिरकत करते है इस जुलूस में
नारा है जिब्राईल का खालिक दुहाई है आज तेरे शेर ने तलवार सजदे में खाई है।
हज़रत अली वो शक्सियत थे जो खुद भुखे रहते दूसरो के पेट भरते रात के अंधेरों में जाते गरीब यतीम मिस्किन ज़रूरत मन लोगो के घर खाने पीने से लेके हर वो चीज़ पहुंचते जिसकी उन गरीबों को जीने के लिए चाहिए होती।
हज़रत अली हमेशा भाई चारे की बात करते इंसानियत क्या चीज़ है लोगो को सिखाते अमन चैन से जीने का संदेश देते।
हज़रत अली वो थे नबियों ने मुश्किलों में याद किया वलियों के वली फरिश्ते इनकी दहलिस पर सलाम करने आते इनके बेटो के लिए अल्लाह ने आसमान से ईद के कपड़े उतारे *इमाम हसन* *इमाम हुसैन* के लिए कहा जाता है *रसूल अल्लाह* इल्म का शहर है तो *हज़रत अली* उसका शहर का दरवाज़ा है।
हज़रत अली नबी पाक के दिल का चैन दिल का सुकून नबी पाक की हक़ की तलवार थे।
कमीश्नरेट पुलिस की जितनी तारीफ की जाए कम है इस बार स्पेशल जुलूस पर नज़र रखने के लिए ड्रोन कैमरा गाड़ी भी रही जुलूस के साथ रही किसी तरह का कोई फसात ना कर सके।
न्यू नजफ रुस्तम नगर से निकल के कजमैन मनसूरनगर बिल्लोचपुरा होते हुए बाजारखाला हैदरगंज गुलाकी अड्डा तालकटोरा कर्बला पहुंचा।
जुलूस को कुशलमंगल निकलवाने में पुलिस की अहम भूमिका रही।
कमिश्नरेट पुलिस के आला अधिकारी एटीएस के कमांडो भी रहे जुलूस के साथ साथ किसी भी तरह की कोई बाधा न आने पाए।
SHO थाना सहादतगंज SHO बाजारखाला SHO चौक SHO तालकटोरा पुलिस टीम की अहम भूमिका रही जुलूस को शांतिपूर्वक संपन्न कराने में और जुलूस शांतिपूर्वक संपन्न हुआ..
21 रमज़ान के जुलूस को लेके जेसीपी की बाइट –
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