लखनऊ

लखनऊ एवं अन्य यूपी मेट्रो परियोजनाओं की जानकारी देता मेट्रो का स्टॉल बना आकर्षण का केंद्र – राज्यपाल

 

 

लखनऊ:- राजभवन में लगे प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के स्टॉल का आज माननीय राज्यपाल सुश्री आनंदीबेन पटेल ने दौरा किया। इस अवसर पर यूपी मेट्रो के निदेशक परिचालन श्री प्रशांत मिश्रा तथा मेट्रो के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे। हर साल की तरह इस बार भी उत्तर प्रदेश मेट्रो तीन दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी में हिस्सा ले रहा है, जिसका उद्घाटन आज माननीय राज्यपाल के करकमलों से हुआ।  

यूपी मेट्रो ने विगत सालों में राजभवन पुष्प प्रदर्शनी में फूलों की सजावट और हार्टीकल्चर डिज़ाइन के लिए कई पुरस्कार हासिल किए हैं। इस बार भी यूपी मेट्रो के हॉर्टीकल्चर विभाग ने प्रदर्शनी के विभिन्न वर्गों में हिस्सा लिया है। इस वर्ष करेले और केले से बने गढ़ियाल पूरी प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। 

 

इस साल प्रदर्शनी में यूपी मेट्रो का स्टॉल जहां एक ओर लखनऊ मेट्रो परियोजना की विशेषताएं बयां कर रहा है तो वहीं जल्द शुरू होने वाले ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर के बारे में भी मुख्य रूप से जानकारी दे रहा है। स्टाल में कानपुर एवं आगरा मेट्रो परियोजनाओं में तेजी से होते विकास कार्यों को भी दर्शाया जा रहा है। 

 

 

सोलर प्लांट –

यूपीएमआरसी ने बिजली के प्राकर्तिक उत्पादन के लिए डिपो, मेट्रो स्टेशन एवं प्रशाशनिक भवन में कुल 4 MW के सोलर प्लांट लगाए हैं। इसमें 3.122 MW का प्लांट लखनऊ और 1 MW का प्लांट कानपुर में लगा है जिससे प्रति वर्ष 48 लाख यूनिट बिजली की बचत होती है।

 

यूपी मेट्रो ने प्रकृति और हरियाली के लिए समर्पित होकर ही हमेशा कार्य किया है। 

 

इसी का परिणाम है कि यूपी मेट्रो की विभिन्न परियोजनाओं में अब तक कुल 1.1 लाख वर्ग मीटर की ग्रीन बेल्ट को तैयार कर लिया गया है। 

 

लखनऊ मेट्रो परियोजना में मेट्रो डिपो, मेट्रो ऑफिसर्स कॉलोनी, पॉलिटेक्निक चैराहा, के.डी सिंह बाबू स्टेडियम एवं अन्य एलिवेटड मेट्रो स्टेशनों के नीचे कुल 65000 वर्ग मीटर की ग्रीन बेल्ट तैयार की गई है। 

 

कानपुर में प्रॉयरिटी कॉरिडोर के 9 संचालित एलिवेटड मेट्रो स्टेशनों के नीचे कुल 35000 वर्ग मीटर की ग्रीन बेल्ट तो वहीं आगरा में अब तक कुल 1200 वर्ग मीटर की ग्रीन बेल्ट तैयार की गई है। 

 

इसके अतरिक्त पर्यावरण की सेहत का ख्याल रखते हुए लखनऊ मेट्रो प्रतिवर्ष 2.5 लाख लीटर वर्षा जल का संरक्षण करने की क्षमता रखता है। 

 

मेट्रो डिपो में ज़ीरो डिस्चार्ज फैसिलिटी अर्थात् ऐसी व्यवस्था की गई है कि किसी भी प्रकार के प्रदूषण फैलाने वाले तत्व का बाहर उत्सर्जन ना हो सके। दूषित जल का उपचार कर पुनःप्रयोग में लाने के लिए संयंत्र लगाए गए हैं। यही नहीं मेट्रो डिपो में ऑटोमेटिक खाद्य मशीन लगाई गई है जहां वेस्ट को एकत्रित कर खाद में परिवर्तित कर उसका इस्तेमाल शहर को हरा-भरा बनाने में किया जा रहा है।

 

 सुशील कुमार, प्रबंध निदेशक, उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने हॉर्टीकल्चर विभाग की कलात्मक पुष्प प्रदर्शनी की प्रशंसा की है। मेट्रो स्टॉल में दी जानकारी के बारे में कहा कि इस बार की प्रदर्शनी लोगों को लखनऊ मेट्रो के साल भर के सफर की जानकारी तो देगा ही साथ ही उत्तर प्रदेश मेट्रो की योजनाओं के बारे में भी अवगत कराएगा। 

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