वाराणसी

लक्ष्मण ने काटी सूर्पनखा की नाक, राम से युद्ध के लिए निकल पड़े खर और दूषण

दारानगर की प्रसिद्ध नक्कटैया व आकर्षक विद्युत सजावट देखने के लिए उमड़ी भारी भीड़

   वाराणसी। सन् 1933 में स्थापित श्री दारानगर रामलीला कमेटी द्वारा संचालित सुप्रसिद्ध नक्कटैया गुरुवार की अर्धरात्रि उल्लास पूर्ण ढंग से संपन्न हो गई।
   नक्कटैया का जुलूस परंपरागत तरीके से नीचीबाग स्थित नगर महापालिका कटरा से उठकर मैदागिन, वृत्तकाल, दारानगर, डी ए वी रोड, लोहटिया, मैदागिन, दारानगर तिराहा, महामृत्युंजय, हंसतीर्थ होते हुए गुड़हट्टा नंबर दो  तक गई, जहां खरदूषण युद्ध एवं वध तथा सीताहरण लीला का प्रसंग हुआ।
  जुलूस के आगे तासा, गाजे व बाजे के साथ सूर्पनखा एवं उसके पश्चात खर एवं दूषण के पुतले के साथ ही हाथी, घोड़े, ऊंट का झुंड फिर तलवार भांजती हुई माता काली माता, माता दुर्गा के विविध चेहरे और साथ में बैंड – बाजा तथा शहनाई आदि के कई समूह चल रहे थे। शोभायात्रा में करीब 51 लाग – विमान व स्वांग शामिल थे। साथ ही श्रीराम के जीवन चरित्र से जुड़ी तमाम झांकियों के साथ काली तांडव, ताड़का वध, महिषासुर मर्दिनी के प्रदर्शन की चौकी का लोगों ने सराहना की।
  संपूर्ण नक्कटैया क्षेत्र विद्युत झालरों तथा ट्यूबलाईटों से आकर्षक ढंग से सजाया गया था। आकर्षक सजावट लाग, विमान व स्वांग आदि को देखने के लिए रात भर लोगों की क्षेत्र में भारी भीड़ जुटी हुई थी। साथ ही चौक, कोतवाली तथा जैतपुरा थाना क्षेत्र से संबंधित पुलिस प्रशासन भी मुस्तादी से तैनात थी।
   इस दौरान रामलीला कमेटी के अध्यक्ष डॉ राम अवतार पांडेय, श्याम किशोर श्रीवास्तव कुंवर नेता, धर्मेंद्र सिंह मेदर, रविंद्र कुमार श्रीवास्तव, रमेश अग्रवाल, किशोर सेठ, गौरव जायसवाल, अभिषेक विश्वकर्मा मंटू , किशन दीक्षित,  संतोष सैनी, मनोज सिंह, टिंकू अरोड़ा, ओमप्रकाश पाठक, रामायणी अनिल विश्वकर्मा विजय विश्वकर्मा गोपाल यादव आदि भी साथ चल रहे थे।

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