राजा भैया का महाकाल की धरती से अधर्म के निर्मूलन का सन्देश

दिव्य अग्रवाल
(लेखक व विचारक)
महाकाल की उज्जैनी धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। समाज हित हेतु पूर्वकाल में अनेको महत्वपूर्ण निर्णय उज्जैनी में लिए गए ऐसा शास्त्रों में वर्णित है। ऐसा भी कहा जाता है की धर्म की कोई भी आवाज उज्जैनी से तभी निकलती है जब स्वयं भूतभावन महाकाल की इच्छा हो उत्तर प्रदेश विधानसभा सदस्य एवं जनसत्ता दल लो. के मुख्या रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) ने महाकाल की धर्म नगरी उज्जैन से जो संदेश दिया वह अत्यंत गंभीर और विचारणीय है उनका यह कहना की शताब्दियों से राष्ट्र और धर्म पर हमला होता आ रहा है जिसके लिए धार्मिक लोगों का जागरूक होना आवश्यक है, धर्म के आधार पर विधर्मी असंख्य हत्याएं करते रहे अब इस अधर्म का निर्मूलन होना आवश्यक है । जातिगत मतभेद ने सदैव अधर्म को बल दिया जिसका निर्मूलन भी आवश्यक है । सनातनी अभिभावक अपने बच्चो को धार्मिक शिक्षा अवश्य दें जिससे बच्चे अधर्मियों के धर्मांतरण जैसे षड्यंत्र में न फंसें ऐसे कुछ महत्वपूर्ण कथन राजा भैया ने कहे । महाकाल की धरती से इतना स्पष्ट सन्देश सभी सनातनियों के लिए प्रेरणीय होना चाहिए क्योंकि महाकाल की धरती से इतना सशक्त और निर्भीक वक्तव्य वर्तमान राजनीति में किसी ने नहीं दिया । जिस प्रकार से मजहबी समाज ने हिन्दू समाज के प्रति एक प्रकार का ग्रह युद्ध आरम्भ किया हुआ है नितांत आवश्यकता है की जातिगत सत्ता का लालच त्याग कर सभी सनातनियों को संगठित होना होगा और इस मजहबी विचारधारा पर अंकुश लगाना होगा ।