
लखनऊ:- मंगलवार को यूपी कैबिनेट की बैठक में महिलाओं की सौगात देने के बाद योगी सरकार ने अब राजस्वकर्मियों को भी बड़ी सौगात दी है।योगी सरकार ने राजस्व कर्मियों का भत्ता बढ़ाया है।योगी सरकार ने राजस्व निरीक्षकों की सालों पुरानी मांग पूरी करते हुए उनका स्टेशनरी भत्ता 6 रुपये से बढ़ा कर 500 रुपये प्रतिमाह कर दिया है। सचिव राजस्व राम केवल ने इस संबंध में बुधवार को शासनादेश जारी कर दिया है।
शासनादेश में कहा गया है कि राजस्व परिषद द्वारा 9 जनवरी 2025 को राजस्व निरीक्षकों को अनुमन्य स्टेशनरी भत्ता बढ़ाए जाने का प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराया था। इसके आधार पर राजस्व निरीक्षकों का भत्ता बढ़ा दिया गया है। उत्तर प्रदेश राजस्व निरीक्षक संघ के अध्यक्ष ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव और प्रदेश महामंत्री संजीव कुमार सिंह ने भत्ता बढ़ाए जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हृदय से आभार जताया है। संघ ने राजस्व परिषद और शासन के अधिकारियों को भी धन्यवाद दिया है।
बेसिक शिक्षा में सुधार को योगी सरकार ने ठोस कदम उठाया है। एआरपी और एसआरजी के स्कूल भ्रमण को वाहन भत्ता बढ़कर 4500 रुपये किया गया है। अभी तक निरीक्षण के लिए 2500 रुपये प्रतिमाह वाहन भत्ता मिलता था। अब यह भत्ता बढ़ाकर 4500 रुपये कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि भत्ता बढ़ने से एआरपी या एसआरजी भ्रमण बेहतर तरीके से कर सकेंगे। इनको एक माह में 30 स्कूलों के निरीक्षण करने होते थे। वह एक दिन में दो से अधिक स्कूलों का निरीक्षण नहीं कर सकते हैं। बीएसए वीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि एआरपी और एसआरजी का वाहन भत्ता बढ़ने से काफी राहत मिलेगी।
बता दें कि मंगलवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में योगी सरकार ने पुरानी पेंशन का विकल्प न ले पाने वाले कार्मिकों को एक बार फिर इस विकल्प में लाने का मौका देने का निर्णय लिया। कैबिनेट ने वित्त विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी।
श्रम मंत्री अनिल राजभर ने कैबिनेट में लिए गए इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 28 जून 2024 के शासनादेश से आच्छादित कार्मिकों द्वारा विकल्प प्रस्तुत करने की तारीख पहले 31 अक्तूबर 2024 थी। इसे अब बढ़ाकर 30 सितंबर 2025 कर दिया गया है। विकल्प के आधार पर पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित करने के लिए नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा आदेश निर्गत करने की पूर्व निर्धारित तिथि पहले इस साल 31 मार्च तक थी। इसे अब बढ़ा कर इस साल 30 नवंबर तक किया गया है जबकि एनपीएस खाता बन्द करने की तारीख इस साल 30 जून से बढ़ाकर अब अगले साल 28 फरवरी कर दी गई है।
श्रम मंत्री ने बताया कि इस निर्णय से करीब 2000 कार्मिक पुरानी पेंशन के दायरे में आ जाएंगे। कैबिनेट ने स्पष्ट किया कि यह समय विस्तार अंतिम होगा। यदि इस विस्तारित समय-सीमा के अधीन कार्मिकों द्वारा अपना विकल्प प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो, ऐसे कार्मिक राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के दायरे में शामिल माने जाएंगे।