बांदा

या गौस अल मदद की सदा से गूंजा शहर

हिन्दू भाइयों ने पेश की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल

फरोजी परचम के साथ शान-ओ-शौकत से निकला जुलूस-ए-गौसिया

जगह-जगह स्टाल लगाकर जुलूस का हुआ स्वागत 

बांदा हजरत सैय्यद अब्दुल कादिर जीलानी सरकार गौसे आजम की याद में शनिवार को जुलूस-ए-गौसिया पूरी शान-ओ-शौकत से निकाला गया। जुलूस के दौरान हुई तकरीरों में गौस-ए-आजम की विलादत पर रोशनी डाली गई। शहर के छिपटहरी स्थित खानकाह से जुलूस रवाना हुआ।

मरकजी कमेटी खुद्दामे गौसो ख्वाजा के तत्वावधान में दोपहर बाद सरपरस्त हबीब बाबा व सदर मौलाना शफीक उद्दीन ने हरी झंडी दिखाकर जुलूस-ए-गौसिया को रवाना किया। मौलाना शफीक ने कहा कि गौसे पाक अब्दुल कादिर जीलानी के बताए व दिखलाए रास्ते पर चलकर हम दुनिया व आखिरत संवार सकते हैं। गौसे आजम अल्लाह के महबूब बंदे व वलियों के सरदार हैं। लोगों को उनकी जिंदगी से सबक लेना चाहिए।

जुलूस छिपटहरी, मर्दन नाका, कुंजरहटी, डीएवी कालेज, पत्थर फोड़, गोल कोठी, सट्टन चौराहा, कसाई मोहल्ला, ईदगाह चौराहा, गूलर नाका, छावनी, सब्जी मंडी होता हुआ खानकाह दरगाह में संपन्न हुआ। लोगों ने जगह-जगह स्टाल लगाकर मरकज़ी जुलूस का स्वागत किया। कई स्थानों पर हिंदू भाइयों ने जुलूस का इस्तक़बाल करके गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की। जुलूसे गौसिया में खाने काबा के तुगरे, गुम्बदे खजरा, गौस पाक के मजार का गुंबद, फिरोजी परचम सहित विभिन्न झाकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। लाउडस्पीकर पर मनकबत व नात पाक की धुनें बज रहीं थीं और जुलूस में शामिल लोग भी नात शरीफ पढ़ रहे थे। फातेहाख्वानी व सलातो सलाम हुआ। देश व दुनियां के अमन और शान्ति के लिए दुआ की और जुलूसे गौसिया सम्पन्न हुआ।

इस मौके पर मरकजी कमेटी सचिव मीडिया प्रभारी सैय्यद इमरान अली, मेराज हशमती, गौसुल इमरान रजा, अब्दुर्रहमान, फारूक अहमद, नसीब चिश्ती, मोहम्मद अनीस, मुबश्शर रजा, सैय्यद मेराज अली, शोएब वारसी, उवैश लाला, बाबू भाई, राशिद भाई, बरकत अली शहर की कमेटियों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल रहे।

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