मुस्लिम वोटबैंक को बसपा के पाले में लाने के लिए बहन जी ने रचा चक्रव्यूह

मुस्लिम वोटबैंक को बसपा के पाले में लाने के लिए बहन जी ने रचा चक्रव्यूह
लखनऊ। लोकसभा चुनाव में सपा के पीडीए से चोट खाने के बाद बसपा ने मुस्लिम वोट बैंक को अपने पाले में लाने की मुहिम तेज कर दी है।
ऐतिहासिक भीड़ जुटाकर एक बार फिर मुसलमानों के बीच बसपा का शक्ति प्रदर्शन चर्चा का विषय बना हुआ है।
इस पर मुसलमानों में भी दो विचारधारा सामने आये हैं। पहला विचारधारा कि अभी भी बहन जी में हम है जिनके कार्यकर्ता बिना खर्चे लिए लखनऊ में ऐतिहासिक भीड़ इकट्ठा कर दिये और सपा पर अवसरवादी का आरोप का भी चर्चा बना हुआ है। वही दूसरा मुसलमानों का धड़ बहन जी को भाजपा का शुभचिंतक मानते हैं। मुसलमनों में भाजपा को हराने के लिए सपा और बसपा चुनने पर रस्साकसी चल रही है। देखना है कि ऊट किस करवट बैठता है।
बसपा संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर राजधानी में हुई रैली में पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों का विकास न होने व जानमाल का खतरा होने की बात कहकर उन्हें पार्टी से जोड़ने का प्रयास किया। साथ ही जातिवादी दलों पर संविधान को बदलकर पुरानी जातिवादी व्यवस्था लागू करने का आरोप लगाते हुए दलित समाज को आगाह किया।