
वाराणसी:- चार दशकों से निरंतर स्वच्छ काशी, स्वच्छ गंगा, स्वच्छ घाट व पर्यावरण संरक्षण को संकल्पित और समर्पित गंगा सेवा निधि द्वारा गंगाजल निर्मलीकरण जन जागरूकता अभियान के अन्तर्गत भव्य गंगा दशहरा महोत्सव का आयोजन इस वर्ष एक पेड़ मॉ भगवती के संरक्षण के लिये आवहान किया गया। देश विदेश से आये असंख्य श्रद्धालु और पर्यटकों को स्वच्छ गंगा, निर्मल गंगा व अविरल गंगा का संकल्प दिलाकर गंगा दशहरा का शुभारम्भ किया गया।
एक संकल्प गंगा किनारे (आठ वर्ष पूर्ण)
भगवती माँ गंगा के धरती पर अवतरण दिवस के पावन पर्व की संध्या पर गंगा सेवा निधि द्वारा विगत आठ वर्षों से प्रतिदिन दैनिक माँ गंगा की आरती में गंगा किनारे एक संकल्प के माध्यम से हम माँ गंगा के पावन तट पर सभी श्रद्धालुओं को प्रतिदिन यह संकल्प दिलाते हैं कि वो गंगा, घाट व सम्पूर्ण भारतवर्ष को स्वच्छ रखेगें, आज हमारे इस प्रयत्न को आठ वर्ष पूर्ण हो चुका हैं। हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि हमारा यह संकल्प अभियान निश्चित ही भारतवर्ष को स्वच्छ रखने में एक अनोखी पहल साबित होगी।
गंगा सेवा निधि द्वारा स्वच्छ गंगा, स्वच्छ काशी, स्वच्छ भारत व पर्यावरण संरक्षण को संकल्पित और समर्पित गंगा दशहरा महोत्सव का भव्य आयोजन सायंकाल दशाश्वमेध घाट पर हुआ।
संस्थापक स्मृतिशेष स्व0 पं0 सत्येन्द्र मिश्र के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। संस्था के सदस्य सुशान्त मिश्र एवं श्याम लाल सिंह द्वारा कार्यक्रम के
मुख्य अतिथि- अशोक तिवारी,माननीय महापौर, वाराणसी नगर निगम,वाराणसी, कार्यक्रम अध्यक्ष, जय प्रकाश तिवारी, मुख्य जिला न्यायधीश, वाराणसी। स्वतंत्र देव सिंह, जल शक्ति विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार।
अति विशिष्ट अतिथि – रविन्द्र जायसवाल, राज्यमंत्री, (स्वतंत्र प्रभार) स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क, पंजीयन, उत्तर प्रदेश सरकार, वाराणसी। दयाशंकर मिश्र (दयालु) माननीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार , महंत शंकर पूरी, अन्नपूर्णा मठ मंदिर, वाराणसी। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र, मानवेन्द्र प्रताप सिंह चेयरमैन, सदस्य विधान परिषद, उत्तर प्रदेश। एयर कमाडोर कुणाल काला, एयर ऑफिसर कमॉडिंग, 4 वायु सेना पर्वरण बोर्ड, वाराणसी। डीआईजी मनोज कुमार शर्मा, 11वीं वाहिनी, एन.डी.आर.एफ., वाराणसी।, कमाण्डेन्ट राजेश्वर बालापुरकर, 95 बटालियन सी.आर.पी.एफ.,वाराणसी। कर्नल प्रदीप बेहरा, डिप्टी कमाण्डेन्ट, 39 जी.टी.सी., वाराणसी।, राजेश कुमार सिंह (DIG), माननीय संयुक्त पुलिस आयुक्त, वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट, वाराणसी।
विशिष्ट अतिथि- श्रीकांत, काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी। सतानन्द पाण्डेय माननीय सहायक पुलिस आयुक्त (अभिसूचना) वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट, वाराणसी स्वामी ब्रम्ह मायनंद, भारत सेवा श्रम, वाराणसी। अतिथियो का स्वागत आशीष तिवारी, इन्दुशेखर शर्मा एवं श्री सुरजीत द्वारा अंगवस्त्रम्, रूद्राक्ष की माला एवं स्मृति चिन्ह से किया गया।
कार्यक्रम के अगले चरण में संस्था के अध्यक्ष सुशान्त मिश्र द्वारा अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि माँ गंगा आश्रित, काशी के पुरजनों, संपूर्ण भारत, तथा विश्व के विभिन्न देशों से पधारे, तीर्थ यात्रियों, एवं पर्यटक अतिथिगण, आप सभी का मैं, गंगा सेवा निधि के प्रतिनिधि के रूप में,आज के इस महा आयोजन में, हार्दिक स्वागत करता हँु। 25 वर्ष पूर्व, गंगा सेवा निधि के संस्थापक,तथा अध्यक्ष स्मृतिशेष पंडित सत्येंद्र मिश्र जो मेरे पुज्य पाद पिताश्री रहें हैं, उन्होंने गंगा दशहरा के आयोजन को, अपने उब्दोध में कहा था, उसी को मैं स्मरण कर रहा हूं.। मैं उनदिनों किशोरावस्था के प्रथम चरण में रहा, तिथि और दिवस दोनों उस वर्ष एक होंने के चलते, गंगा दशहरा विश्व पर्यावरण दिवस, एक ही दिन रहा, उन्होंने एक आग्रह औऱ संकल्प व्यक्त किया था, काशी से लेकर प्रयाग तक, गंगा जी के दोनों तट पर, अधिकतम बाढ़ बिंदु से थोड़ा ऊपर, अगर नगर वासी, ग्राम वासी या तीर्थ यात्री एवं पर्यटक, प्रति 15 मीटर के दूरी पर, एक कतार में, एक नीम एक बरगद के वृक्ष रोपण करें, तथा उसके प्राथमिक सिंचाई, तथा मेड बंदी पर एक नुयतम राशि अनुदान के रूप में सुनिश्चित करें, तो आगामी वर्षों में ये सम्पूर्ण क्षेत्र, ना केवल हरियाली सम्मपन होगा, ब्लकि शुद्ध वायु से वातावरण को संरक्षित करेगा, नीम के सूखे पत्ते उड़ कर नदी गर्भ में जाएंगे, और जल का भी शोधन होगा। ये प्रक्रिया आगामी वर्षों में प्रयाग, कानपुर होता हुआ, जहां हरिद्वार तक पहुंचती, वही काशी से दक्षिण पूर्व में, बंगाल कि खाड़ी तक पहुंचती। वर्तमान में सरकार की प्रेरणा है, एक पेड़ माँ के नाम , वही सत्येंद्र जी की प्रेरणा थी, एक पेड़ भगीरथ के नाम। आज ये संकल्प प्रारंभ हुआ है ये सपना साकार हो यही प्रार्थना है।
विशेष माँ गंगा की आरती –
गंगा सेवा निधि के 11 अर्चको द्वारा भगवती माँ गंगा का वैदिक रीति से पूजन कराया गया। इसी क्रम में संस्था के 11 अर्चको एवं रिद्धी-सिद्धी के रूप में 22 देव कन्याओं (दुर्गाचरण गर्ल्स इण्टर कालेज) द्वारा भव्य भगवती माँ गंगा की महाआरती का आयोजन किया गया। 30 कुन्टल फूल-मालाओं एवं 11,001 दीपों से दशाश्वमेध घाट को भव्य रूप से द्वारा सजाया गया व घाटों पर फैली दीपों की रोशनी देश-विदेश से आये हजारों सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र बनी रही।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रारम्भ शिवोहम नृत्य समूह द्वारा माँ गंगा की अवतरण गाथा एवं शिव और शती के जीवन की कहानियों का दर्शन त्तपश्यात अंतिम प्रस्तुति में शुद्व शास्त्रियाँ नृत्य कथक एवं भरत नाट्यम दलनायिका शिवानी मिश्रा, एवं सहयोगी कलाकार स्मृति शाही, नेहा शर्मा, प्रिन्सी धर्मराज, आशुतोश सिंह, सौरभ त्रिपाठी, एवं करिश्मा केशरी सारिका द्वारा की गई।
कार्यक्रम के मध्य में 12 वर्षिय गायिका अधिश्री वशिष्ट द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दी गई जिसमे इनके द्वारा पायो जी मैने राम रतन धन पायो, तुम उठो शिया श्रींगार करो शिव धनुश राम ने तोडा एवं ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन की प्रस्तुति की गई। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अंजना झा द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन सुरजीत कुमार सिंह, सचिव ने किया। कार्यक्रम में विशेष रूप इन्दू शेखर शर्मा, हनुमान यादव, सुशांत मिश्र, पंकज अग्रवाल, सी. ए. सर्वेश अग्रवाल, आशीष तिवारी, जितेन्द्र नाथ सिंह, सिद्धार्थ श्रीवास्तव, अरून अग्रवाल, मनीष सोनी, अधिवक्ता विनोद श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।