महिला किसानों ने सीखे आधुनिक खेती के गुर लो टनल व हस्तचालित कृषि यंत्रों का हुआ परीक्षण
जैविक ग्राम बिसंडा में हुआ शैक्षणिक भ्रमण श्रमिक भारती व सीएफएलआई चला रहा परियोजना

बांदा, 10 अक्टूबर श्रमिक भारती व सीएफएलआई संस्था द्वारा महिला किसानों को आधुनिक तरीके से जैविक खेती करना सिखाया जा रहा है। कार्यक्रम के तहत महिला किसानों का जैविक ग्राम बिसंडा में एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण कराया। यहां उन्हें लो टनल पाली हाउस बनाने की विधि बताई गई। संस्था द्वारा दिए गए कृषि यंत्रों को खेती में उपयोग का प्रशिक्षण दिया गया।
मंगलवार को प्रगतिशील किसान रोहित श्रीवास्तव के बिसंडा स्थित जैविक ग्राम में महिला किसानों को भ्रमण कराया गया। कानपुर से आए रावेंद्र द्विवेदी ने कृषि, बागवानी व पशुपालन के जरिए किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने के तरीके बताए। उन्होंने कहा कि किसान तकनीक अपनाएं और उत्पादन बढ़ाकर खेती को लाभपरक बनाएं। जैविक पद्धति से खेती की लागत और आधुनिक पद्धति से मेहनत को कम किया जा सकता है। संस्था द्वारा बड़ोखर ब्लाक के गांवों में 30 डेमो फार्म बनाए जा रहे हैं। जिन्हें महिलाएं तैयार कर रही हैं।
प्रशिक्षक जय नारायण ने कहा कि महिला किसानों को लो टनल बनाने की विधि बताई और बनाकर भी दिखाया। उन्होंने कहा कि टनल (सुरंग) में सब्जियां पैदा की जाती हैं। लोहे या प्लास्टिक का स्टिक और पालीथिन शीट से छोटी व लंबी टनल बनाई जाती है। कम लागत में टनल को तैयार हो जाती है। टनल की मदद से फसल को ज्यादा गर्मी और सर्दी से बचाया जा सकता है। मौसम फसल के अनुकूल होने पर टनल को हटा दिया जाता है।
कानपुर से आए प्रशिक्षक राम शर्मा व अमन सिंह ने हस्तचालित कृषि यंत्रों का खेत में उपयोग करके महिला किसानों को प्रशिक्षण दिया। पहिया बीडर, पैडी बीडर, नार्मल बीडर चलाकर बताया गया। प्रशिक्षकों ने कहा कि कृषि यंत्रों का प्रयोग करके समय को बचाया जा सकता है। राजाभइया ने संगठन से जुड़ने के फायदे बताए।
संचालन परियोजना समन्वयक इमरान अली ने किया। इस मौके पर बामदेव एफपीओ के सीईओ मनोज यादव, राजेंद्र कुमार, पूनम त्रिवेदी, वेद द्विवेदी, किसान बोधगम्य के अकाउंटेंट अमन तिवारी, किसान कमलेश देवी, खैरुननिशा, आशा देवी, सुनीता, सुशीला, शशि प्रभा, सिल्लो, शिव कुमारी, संगीता, उमा देवी, शिवप्यारी, प्रीती, रईसा बानो, रामदेवी, लक्ष्मी देवी सहित महिलाएं शामिल रहीं