महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ाने और अर्थव्यवस्था में समग्र विकाश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है –

लखनऊ:- लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग शोधार्थी छात्रों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट 2025 के बारें मे अपना वक्तव्य दिया –
लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग शोधार्थी मानसी वर्मा ने वित्त मंत्री बजट 2025 के बारें में बोला –
यूनियन बजट 2025 में जैसा कि माननीय वित्त मंत्री जी ने बताया कि इस वर्ष भी बजट का फोकस युवा, गरीब, अन्नदाता और महिला रहेगा। जिसके अनुसार उन्होंने महिलाओं के आर्थिक उत्थान और उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए बहुत सारे प्रावधान किए हैं जिसके अनुसार उन्होंने 5 lakh SC/ST महिला एंटरप्रेन्योर को 2 करोड़ तक का टर्म लोन और ऑनलाइन प्रशिक्षण की घोषणा की है जो कि महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ाने और अर्थव्यवस्था में समग्र विकाश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है। मध्यम वर्ग के लिए भी नए टैक्स सिस्टम के तहत 12 लाख तक की छूट का प्रावधान काफी अच्छी राहत है।किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को बढ़ाना आदि जैसे प्रावधान अन्नदाता को भी काफी राहत दे रहे हैं।
सारांशतः कहा जा सकता है कि माननीय वित्त मंत्री ने यूनियन बजट 2025 के माध्यम से समग्र विकास की ओर कदम को बढ़ाया है।
मुस्कान उपाध्याय
शोधार्थी ने बजट 2025 पे कहा –
नए भारत का निर्माण करने में यह बजट अपनी महती भूमिका निभाएगा इस बजट के द्वारा समाज का प्रत्येक वर्ग लाभान्वित होगा। इस बजट ने यह दर्शाया है कि सरकार ने मध्यम वर्ग के साथ किसान छात्र एवं मजदूरों के विषय में ध्यान दिया है।
यह बजट सरकार की दूरदर्शिता और जनहित के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह न केवल वर्तमान की समस्याओं का समाधान करेगा, बल्कि भारत को आत्मनिर्भर और वैश्विक मंच पर सशक्त बनाएगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट 2025 को देश के विकास की दिशा में एक मजबूत और दूरदर्शी कदम के रूप में देखा जा रहा है। इस बजट का लक्ष्य न केवल आर्थिक मजबूती लाना है, बल्कि समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाना भी है। सरकार ने इसे “सबका विकास, सबका प्रयास” के सिद्धांत पर आधारित किया है किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के कृषियो को समृद्ध बनाने के लिए बजट में ₹1.5 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है। “ग्रीन इंडिया मिशन” के तहत किसानों को स्मार्ट खेती के लिए तकनीकी सहायता और सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार की इस योजना से न केवल कृषि उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि किसानो को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की गई है।
बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने ₹5,000 करोड़ का “स्किल इंडिया एक्सेलरेटर” लॉन्च किया है। इससे युवाओं को रोजगार के लिए आवश्यक कौशल सिखाने के साथ-साथ स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार की कर रियायतों से स्टार्टअप्स के लिए एक आदर्श माहौल तैयार करेगा । साथ ही इस बजट में सरकार ने जलवायु परिवर्तन को भी विशेष ध्यान में रखते हुए पुनर्नवीनीकरण ऊर्जा के क्षेत्र में ₹20,000 करोड़ का निवेश किया है। सोलर और विंड एनर्जी के लिए 50% सब्सिडी से यह स्पष्ट है कि सरकार हरित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। अगर बात शिक्षा की हो तो
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत 50,000 नए स्कूल और 100 कॉलेज खोले जाएंगे, जिससे युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी उसी के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में “आयुष्मान प्लस योजना” के तहत गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने का वादा किया गया है। आर्थिक मजबूती का उद्देश्य के साथ आर्थिक संतुलन स्थापित करना और 6.5% जीडीपी वृद्धि को हासिल करना भी है। निवेश बढ़ाने और मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन देने के लिए किए गए सुधार निश्चित रूप से भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में मदद करते हुए जरूर ही इस बार का बजट हर वर्ग के लिए लाभकारी होगा। किसानों को सशक्त करने के साथ साथ युवाओं को रोजगार देने, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को विशेष सुविधाएं प्रदान करने की पूरी कोशिश की गई है और समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की भावना को दर्शा रहा है।
वहीं लखनऊ विश्वविद्यालय के एमए अर्थशास्त्र के छात्र हिमांशु मिश्र ने कहा –
यूनियन बजट 2025 में माननीय वित्त मंत्री जी ने बताया के इसका फोकस युवा,गरीब,अन्नदाता और महिलाओं के उत्थान पर किया गया है। जिसमें युवाओं के लिए शिक्षा एवं रोजगार संबंधी बहुत सारी योजनाओं की बात की है जिसमें कुछ प्रमुख जैसे BHARATNET के जरिए सरकारी स्कूलों को ब्रॉडबैंड से जोड़ना, 10000 नई मेडिकल सीट्स और नए ग्लोबल स्किलिंग सेन्टरों की बात की गई है। जो युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं।इन सब के साथ साथ अन्नदाता किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को बढ़ाना, धनधान्य योजना आदि योजनाओं के तहत उत्थान की बात की गई है। बजट में नारी सशक्तिकरण पर बल भी दिया गया है और साथ ही साथ गरीबों के लिए बहुत सी सरकारी योजनाओं के तहत उनके उत्थान पर ध्यान दिया गया है।
सारांशतः हम कह सकते हैं कि 2025 का यूनियन बजट भारत की आर्थिक नीति सामाजिक न्याय और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ तैयार किया गया है।