प्रयागराज

महाकुंभ में भगदड़,17 से अधिक लोगों की मौत;कई श्रद्धालुओं के घायल होने की सूचना –

 

महाकुम्भ :: संगम तट के पास भगदड़, 17 की मौत, कुछ बेहोश, अखाड़ों का अमृत स्नान स्थगित –

स्थिति अभी नियंत्रण मे है –

महाकुंभ में भगदड़ की खबर – 15 लोग हताहत हुए हैं और कुछ को बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया । मौके पर मुस्तैद प्रशासन ने तत्काल राहत-बचाव का काम शुरू किया। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। मेले में मची भगदड़ के बाद निरंजनी अखाड़े ने स्नान जुलूस रोक दिया है। अखाड़ों ने अमृत स्नान स्थगित कर दिया है। मौके से सामने आए वीडियो के अनुसार कुछ महिलाओं और बच्चों को भी चोट लगी है। अभी हालात काबू में बताये जा रहे हैं। महाकुंभ नगर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अफवाहों पर ध्यान न देने और संयम बरतने की अपील की है।

बताया जाता है कि प्रयागराज के संगम तट पर अमृत स्नान से पहले देर रात लगभग डेढ़ बजे भगदड़ मच गई। इसमें कुछ लोगों के मरने की भी खबर है । एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक भगदड़ मचते ही लोग दौड़ने लगे। अभी प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। इससे कुछ महिलाएं जमीन पर गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए। खबर मिलते ही 5 से ज्यादा एंबुलेंस घायलों को लेकर सेंट्रल हॉस्पिटल रवाना हुई हैं। घटना की सूचना पर कई एंबुलेंस की गाड़ियां संगम के पास पहुंच गई हैं।

संगम तट पर कई श्रद्धालु बेहोश –

जानकारी मिल रही है कि भगदड़ के बीच संगम तट पर कई श्रद्धालु बेहोश हो गये हैं। घायलों में महिलाओं के साथ बच्चे भी शामिल हैं।

घायलों को पहुंचाया जा रहा है अस्पताल, एनएसजी और सेना ने संभाला मोर्चा –

हताहतों को 50 से अधिक एंबुलेंस की मदद से सेंट्रल हॉस्पिटल लाया गया है। कई घायलों को मोटरसाइकिल से भी लोगों ने पहुंचाया है। हालात को काबू करने के लिए सेना और एनएसजी ने मोर्चा संभाल लिया है।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि हम सभी 13 अखाड़े स्नान नहीं करेंगे क्योंकि जिस तरीके से आज जो घटना हुई है वह बहुत दुःखद घटना है इसलिए हम लोग मौनी अमावस्या का स्नान नहीं करने का फैसला लिया है अब हम लोग बसंत पंचमी का अमृत स्नान करेगे

बाइट : रविन्द्रपुरी जी महाराज ( अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष )

 

महाकुंभ में भगदड़ में हुई मौतों पर रो पड़े पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी

बोले—

“हमने पहले ही कहा था कुंभ की सुरक्षा को आर्मी के हवाले किया जाए लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी।

निकम्मा प्रशासन पूरी तरह फेल।

प्रशासन सिर्फ़ वीआईपी की जी हुज़ूरी में लगा रहा।

इसके अलावा उन्हें कुंभ से कोई मतलब नहीं।

किसी का बेटा चला गया। किसी का बाप चला गया।

पिछले स्नान के बाद ही हमने प्रशासन को सचेत किया था।”

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